अमेरिकी कोर्ट के फैसले से गोल्ड की कीमतों में आया उछाल, दिल्ली में ₹98,490 प्रति 10 ग्राम हुआ सोना

अमेरिकी कोर्ट के एक फैसले, जिसमें राष्ट्रपति को टैरिफ जारी रखने की अनुमति दी गई है, के बाद वैश्विक बाजारों में गोल्ड की कीमतें रॉकेट की तरह बढ़ीं। दिल्ली में सोने की कीमत ₹820 बढ़कर ₹98,490 प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी स्थिर रही। यह अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग का नतीजा है।

अमेरिकी कोर्ट के फैसले से गोल्ड की कीमतों में आया उछाल, दिल्ली में ₹98,490 प्रति 10 ग्राम हुआ सोना

अमेरिकी कोर्ट के एक हालिया फैसले ने दुनियाभर के बाजारों में खलबली मचा दी है, जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। दरअसल, अमेरिकी कोर्ट ने राष्ट्रपति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें टैरिफ को जारी रखने की अनुमति दे दी है। इस फैसले ने दुनियाभर के निवेशकों में अनिश्चितता पैदा कर दी है, और साथ ही अमेरिकी-चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता का सकारात्मक माहौल भी फीका पड़ता दिखाई दे रहा है। इसी कारण दुनियाभर के बाजारों में गोल्ड की कीमतों में इजाफा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली में भी सोने की कीमतों में दो दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को तेजी दिखाई दी।


दिल्ली में महंगा हुआ गोल्ड

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को सोने की कीमत ₹820 बढ़कर ₹98,490 प्रति 10 ग्राम हो गई। वहीं, 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड ₹750 बढ़कर ₹98,000 प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया। हालांकि, बुधवार को चांदी की कीमतों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला और यह ₹1,07,100 प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी हाजिर सोना $12.09 प्रति औंस या 0.36 प्रतिशत बढ़कर $3,334.69 प्रति औंस हो गया। हालांकि, ग्लोबल मार्केट में हाजिर चांदी 0.5 प्रतिशत गिरकर $36.34 प्रति औंस पर आ गई। जानकारों की मानें तो टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता के बारे में व्यापारियों की चिंता के कारण सुरक्षित निवेश (safe haven investment) की मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में तेजी आई है।


क्यों महंगा हुआ गोल्ड?

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर ऐनालिस्ट (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने बताया कि यह अनिश्चितता संघीय अपील अदालत के उस फैसले के बाद आई है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ग्लोबल टैरिफ लगाना जारी रखने की अनुमति दी गई है। गांधी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इन चिंताओं ने अमेरिका और चीन के बीच सकारात्मक व्यापार वार्ता से उपजे आशावाद को फीका कर दिया है। लंदन में दो दिवसीय चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार तनाव कम करने की योजना पर सहमति जताई थी।

कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष से उपजे भू-राजनीतिक तनाव (geopolitical tension) के कारण भी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ रही है। कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला ने कहा कि बाजार सहभागियों का ध्यान आगामी अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) डेटा पर रहेगा, जो बाद में जारी किया जाएगा, जिससे मॉनेटरी पॉलिसी के दृष्टिकोण के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।