नेपाल जाकर बिहार की ऐसी महिलाएं करा रहीं 'नुकसान', वो काम कर लौट आती हैं और पता भी नहीं चलता - Sampann Bharat News (सीतामढ़ी)

सीतामढ़ी में घटता लिंगानुपात चिंताजनक, महिलाएं नेपाल जाकर करा रहीं गर्भपात, कार्रवाई से बचने का बन रहा ठिकाना। जानें पूरी खबर।

नेपाल जाकर बिहार की ऐसी महिलाएं करा रहीं 'नुकसान', वो काम कर लौट आती हैं और पता भी नहीं चलता - Sampann Bharat News (सीतामढ़ी)

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में तेजी से घटते लिंगानुपात को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। जिले का लिंगानुपात (प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) मात्र 884 तक पहुंच गया है। हालांकि, इसी जिले के दो प्रखंड, परिहार और बोखड़ा, लिंगानुपात के मामले में एक सकारात्मक तस्वीर पेश करते हैं, जहां यह आंकड़ा क्रमशः 1056 और 1037 दर्ज किया गया है।

पूरे बिहार और देश में लिंगानुपात को बेहतर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं और बेटियों को सुरक्षित रखने व उन्हें जीवन का अधिकार देने के लिए प्रतिवर्ष विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके बावजूद, लिंगानुपात में संतोषजनक वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है। ऐसे में, सीतामढ़ी जिले के 17 प्रखंडों में से दो प्रखंडों में बढ़ता लिंगानुपात का आंकड़ा वाकई हैरान करने वाला है।

सीतामढ़ी का सेक्स रेशियो मात्र 884:

वर्ष 2001 में भारत का लिंगानुपात 933 था, जो 2011 की जनगणना के बाद बढ़कर 943 हो गया। केंद्र सरकार ने इसके बाद लिंगानुपात का कोई नया आंकड़ा जारी नहीं किया है। सीतामढ़ी जिले का वर्तमान लिंगानुपात काफी निराशाजनक है, जो कि केवल 884 है। यह ताजा आंकड़ा है। हालांकि, यह भी सच्चाई है कि जिले के दो प्रखंडों का लिंगानुपात काफी बेहतर है, जिनमें से एक प्रखंड अल्पसंख्यक बहुल है।

सेक्स रेशियो में परिहार प्रखंड अव्वल:

जिले के प्रखंडों में परिहार लिंगानुपात के मामले में सबसे आगे है, जबकि रून्नीसैदपुर सबसे पीछे है। परिहार के बाद सबसे बेहतर स्थिति में जिला का दूरस्थ प्रखंड बोखड़ा है। दरअसल, मार्च 2025 में प्रखंडवार लिंगानुपात की रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में जिले में 4577 नवजातों का जन्म हुआ था। खास बात यह है कि मार्च में डुमरा ग्रामीण/शहरी क्षेत्र में नवजातों के जन्म लेने का आंकड़ा सबसे अधिक रहा, जबकि चोरौत प्रखंड में सबसे कम बच्चे पैदा हुए थे।

गर्भपात से सेक्स रेशियो में कमी:

बताया जा रहा है कि गर्भपात लिंगानुपात में कमी का एक बड़ा कारण है। चिकित्सक भी इस बात को स्वीकार करते हैं। गर्भपात कराने पर कार्रवाई के लिए सख्त कानून भी बने हुए हैं। इसके बावजूद, कुछ चिकित्सक अधिक कमाई के लालच में चोरी-छिपे गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं। इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। बताया गया है कि जिले में गर्भपात कराने में पकड़े जाने के डर से लोग सीधे नेपाल के गौर, मलंगवा या जनकपुर चले जाते हैं। वहां न तो कार्रवाई का कोई डर रहता है और न ही अधिक पैसे खर्च होते हैं। नेपाल और भारत सरकार के बीच ऐसा कोई समझौता भी नहीं है कि यदि कोई भारतीय महिला नेपाल में गर्भपात कराती है, तो उस पर कार्रवाई संभव हो सके। इसकी पुष्टि सोनबरसा के पीएचसी प्रभारी डॉ. कन्हैया कुमार ने की है। उन्होंने बताया कि भारतीय महिलाओं का नेपाल में गर्भपात कराया जाता है, जिसकी कोई जानकारी विभाग को नहीं मिल पाती है।

प्रखंडवार सेक्स रेशियो का आंकड़ा:

  • परिहार: 1056
  • बोखड़ा: 1037
  • बैरगनिया: 882
  • बाजपट्टी: 867
  • बथनाहा: 938
  • बेलसंड: 803
  • चोरौत: 900
  • डुमरा: 797
  • मेजरगंज: 953
  • नानपुर: 992
  • परसौनी: 889
  • पुपरी: 805
  • रीगा: 938
  • रून्नीसैदपुर: 767
  • सोनबरसा: 800
  • सुप्पी: 941
  • सुरसंड: 951
  • जिला का औसत रेशियो: 884

मार्च 2025 में 4577 नवजात का जन्म:

रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में जिले में कुल 4577 बच्चों का जन्म हुआ, जिनमें लड़कों की संख्या लड़कियों से अधिक है। 2429 लड़के और 2148 लड़कियां पैदा हुईं। मार्च में बैरगनिया में 160 बच्चों का जन्म हुआ था, जबकि बाजपट्टी में 323, बथनाहा में 285, बेलसंड में 137, बोखड़ा में 167, चोरौत में 76, डुमरा में 789, मेजरगंज में 166, नानपुर में 259, परिहार में 405, परसौनी में 119, पुपरी में 287, रीगा में 252 और रून्नीसैदपुर में... (आंकड़ा अधूरा)