यूपी में उद्योगों की राह में रोड़ा: NOC के लिए सैकड़ों आवेदन अटके, टाइमलाइन फेल!
"यूपी में उद्योगों को NOC मिलने में देरी, निवेश मित्र पोर्टल पर सैकड़ों आवेदन अटके। भूगर्भ जल, बिजली और नोएडा प्राधिकरण में सबसे ज्यादा मामले लंबित। जानें पूरी खबर।"

694 एनओसी आवेदन फंसे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उद्योगों को शुरू करने की राह आसान नहीं दिख रही है। निवेशकों को सहूलियत देने और विभागों के चक्कर काटने से बचाने के लिए बनाया गया 'निवेश मित्र' पोर्टल भी पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस पोर्टल पर 23 अलग-अलग सरकारी विभागों में उद्योगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने के लिए कुल 694 आवेदन अटके पड़े हैं, जिससे निवेशकों में निराशा है।
एक नया उद्योग स्थापित करने के लिए लगभग 32 विभिन्न विभागों से एनओसी की आवश्यकता होती है। इसी प्रक्रिया को सुगम बनाने के उद्देश्य से 'निवेश मित्र' पोर्टल शुरू किया गया था। इस पोर्टल के माध्यम से उद्यमी और निवेशक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, शुल्क का भुगतान कर सकते हैं और अपने आवेदनों की स्थिति को घर बैठे ही जान सकते हैं। पोर्टल पर आवेदनों की स्वीकृति के लिए 30 कार्य दिवस की समय सीमा भी निर्धारित की गई है, ताकि निवेशकों को अनावश्यक देरी और उत्पीड़न से बचाया जा सके।
हालांकि, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। पोर्टल पर सैकड़ों आवेदन समय सीमा बीत जाने के बाद भी स्वीकृति की राह देख रहे हैं। आलम यह है कि केवल तीन विभागों - भूगर्भ जल विभाग (139 आवेदन), पॉवर कॉर्पोरेशन (98 आवेदन) और नोएडा प्राधिकरण (83 आवेदन) में ही कुल लंबित आवेदनों का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा अटका हुआ है।
इन तीन बड़े विभागों के अलावा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 82, यूपीसीडा में 57, आवास विभाग में 51, लोक निर्माण विभाग में 36, एमएसएमई विभाग में 31, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 24, राजस्व विभाग में 15, शहरी विकास में 15, फिल्म बंधु और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में 14-14 और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में 12 आवेदन भी स्वीकृति के इंतजार में हैं।
हालांकि, कुछ ऐसे विभाग भी हैं जहां एनओसी जारी करने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत बेहतर है। इनमें उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) में केवल 6, कृषि विभाग में 5, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 4 और बांट व माप विभाग में 3 आवेदन ही लंबित हैं। वहीं, राज्य कर विभाग, श्रम विभाग, विद्युत सुरक्षा निदेशालय, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग और अग्निशमन विभाग में तो सिर्फ एक-एक आवेदन ही हरी झंडी का इंतजार कर रहा है।
उद्योग जगत के जानकारों का मानना है कि एनओसी में इस तरह की देरी निवेशकों के लिए एक बड़ी बाधा है और यह प्रदेश में औद्योगिक विकास की गति को धीमा कर सकती है। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि 'निवेश मित्र' पोर्टल वास्तव में उद्योगों के लिए एक 'मित्र' साबित हो, न कि एक अड़चन। समय सीमा का पालन सुनिश्चित करना और विभागों के बीच समन्वय को बेहतर बनाना नितांत आवश्यक है, ताकि उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बना रहे।