वाराणसी: गंगा आरती में डूबे पिता-पुत्री, NDRF के देवदूतों ने बचाई जान!
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान बड़ा हादसा टला! NDRF जवानों ने तत्परता दिखाते हुए डूब रहे पिता और बेटी को सुरक्षित निकाला।

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वाराणसी, शुक्रवार, 16 मई 2025। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान एक बड़ी दुर्घटना टल गई, जिसका श्रेय जाता है एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के मुस्तैद और कुशल बचावकर्मियों को।
दरअसल, आशि मिश्रा नाम की एक लड़की अपने पिता नवीन मिश्रा के साथ काशी दर्शन के बाद गंगा आरती में शामिल होने के लिए नाव से दशाश्वमेध घाट पर पहुंची थी। नाव से उतरते समय अचानक आशि का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में गिरकर डूबने लगी। अपनी बेटी को डूबता देख पिता नवीन मिश्रा भी खुद को रोक नहीं पाए और उसे बचाने के लिए तुरंत नदी में छलांग लगा दी। दुर्भाग्य से, वे भी डूबने लगे।
इन दोनों पिता-पुत्री के जीवन को खतरे में देख, मौके पर मौजूद एनडीआरएफ के प्रशिक्षित बचाव कर्मियों ने पल भर भी देर नहीं की। उन्होंने तुरंत नदी में छलांग लगाई और अपनी जान पर खेलकर दोनों श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से पानी से बाहर निकाल लिया।
एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों द्वारा किए गए इस बहादुरी और कुशलता भरे बचाव कार्य की घाट पर मौजूद सभी लोगों ने जमकर प्रशंसा की।
गौरतलब है कि एनडीआरएफ की टीमें उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशों के तहत लगातार काशी के गंगा घाटों की निगरानी करती हैं। उनकी तत्परता और त्वरित कार्रवाई किसी भी आपात स्थिति में संकट में फंसे लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनडीआरएफ बचाव कर्मियों द्वारा किया गया यह साहसिक कार्य इसका जीता-जागता उदाहरण है। उनकी इस मानवीय पहल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि एनडीआरएफ वाकई में आपदा में लोगों के लिए देवदूत की तरह है।