भारतीय शिक्षा बोर्ड द्वारा पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल का शिलान्यास: भारतीय संस्कृति से प्रेरित शिक्षा का नया अध्याय
Bhartiya Shiksha Board ne Varanasi mein Patanjali International School ka shilanyas kiya. Ye school Indian culture se inspired, holistic development aur ideal values par focus karega.

वाराणसी: भारतीय शिक्षा बोर्ड (Bhartiya Shiksha Board) ने भारतीय संस्कृति के गहन मूल्यों और शैक्षिक दृष्टिकोण से प्रेरित होकर पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल, वाराणसी का शिलान्यास किया है। यह पहल बच्चों में न केवल विश्लेषणात्मक दक्षता और सशक्त संश्लेषण क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखती है, बल्कि उन्हें आदर्श जीवन-मूल्य, एकात्मता, एकाग्रता और अनुशासन के साथ एक समन्वित व्यक्तित्व प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
शिक्षा का समग्र दृष्टिकोण: चेतना और पंचकोश का विकास
भारतीय शिक्षा बोर्ड का मानना है कि शिक्षा को केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जा सकता। इसी अवधारणा के तहत, यह बोर्ड अंतःकरण चतुष्टय (मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार) और पंचकोश (अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय, आनंदमय) की प्राचीन भारतीय अवधारणाओं को शैक्षिक प्रक्रिया में शामिल कर रहा है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के चेतन, अवचेतन और अचेतन मन का समग्र विकास सुनिश्चित करना है, ताकि वे जीवन के हर पहलू में संतुलन और पूर्णता प्राप्त कर सकें।
"सा विद्या या विमुक्तये": दिशाहीन शिक्षा का समाधान
वर्तमान समय में शिक्षा की दिशाहीनता और अंधी प्रतिस्पर्धा के कारण समाज में अनेक विकृतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में, भारतीय शिक्षा बोर्ड अपने आदर्श वाक्य "सा विद्या या विमुक्तये" (वह विद्या जो मुक्ति प्रदान करे) के साथ शिक्षा को जीवन के अंतिम लक्ष्य – मुक्ति – के रूप में स्थापित करने हेतु दृढ़ संकल्पित है। बोर्ड का उद्देश्य है कि शिक्षा केवल वैश्वीकरण तक सीमित न रहे, बल्कि ब्रह्मांडीय स्वरूप को अपनाते हुए मानवता के लिए असीम संभावनाएँ प्रस्तुत करे।
पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल: आदर्श व्यक्तित्व के निर्माण का केंद्र
इसी व्यापक उद्देश्य की पूर्ति के लिए, पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल, वाराणसी की स्थापना की जा रही है। यह विद्यालय समाज के सर्वांगीण विकास के लिए एक आदर्श विद्यालय के रूप में कार्य करेगा। यहाँ न केवल भौतिक और सांस्कृतिक समृद्धि पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि विद्यार्थियों में कृतज्ञता, धैर्य, निष्ठा, लगन, निर्भीकता, कर्मठता और परिश्रम जैसे गुणों का समावेश कर एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण किया जाएगा। यह स्कूल भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा के समन्वय का प्रतीक बनेगा।