Up News : वाराणसी जिला जेल में बंदी डॉक्टर की मौत: घूस लेते एंटी करप्शन ने 3 दिन पहले बलिया से किया था गिरफ्तार

वाराणसी जिला जेल में बंद बलिया के डॉक्टर वेंकटेश्वर मौआर की तबीयत खराब होने से मौत। तीन दिन पहले ही उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी टीम ने घूस लेते पकड़ा था और जेल भेजा था।

Up News : वाराणसी जिला जेल में बंदी डॉक्टर की मौत: घूस लेते एंटी करप्शन ने 3 दिन पहले बलिया से किया था गिरफ्तार

Varanasi News : वाराणसी के जिला जेल में बंद बलिया निवासी डॉक्टर वेंकटेश्वर मौआर (42) की सोमवार (16 जून 2025) सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। डॉक्टर मौआर को तीन दिन पहले, 12 जून को बलिया में एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था और उसके बाद वाराणसी जिला जेल भेज दिया गया था।


जेल में बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाते समय मौत

जिला जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि बंदी डॉक्टर वेंकटेश्वर मौआर को बुखार जैसे कुछ लक्षण महसूस हो रहे थे। जेल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. हरिवंश ने उनकी जांच की और स्थिति गंभीर होते देख तुरंत कबीरचौरा अस्पताल (मंडलीय अस्पताल) रेफर कर दिया। हालांकि, वाहन से अस्पताल ले जाने से पहले ही रास्ते में डॉक्टर वेंकटेश्वर ने दम तोड़ दिया। उनके शव को अस्पताल के मार्चरी में रखा गया है और परिजनों को सूचना दे दी गई है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जिला जेल के क्वारंटीन बैरक में रखा गया था।


क्या है पूरा मामला?

डॉक्टर वेंकटेश्वर मौआर बलिया के बांसडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर थे। बीते गुरुवार, 12 जून को वाराणसी की एंटी करप्शन टीम ने उन्हें घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

यह मामला सीएचसी परिसर में अमृत फार्मेसी मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए तीन लेटर जारी करने से जुड़ा था। मेडिकल स्टोर संचालक अजय तिवारी ने शिकायत की थी कि डॉक्टर मौआर इसके लिए तीन लाख रुपये की मांग कर रहे थे। दो लेटर जारी करने के बाद भी, डॉक्टर हर महीने ₹20,000 की 'मांग' करने लगे और तीसरा लेटर जारी नहीं कर रहे थे।

इससे परेशान होकर अजय तिवारी ने वाराणसी की एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। टीम ने मामले को संज्ञान में लिया और 5 सदस्यीय टीम बलिया के बांसडीह पहुँची। टीम ने अजय तिवारी को केमिकल युक्त ₹20,000 देकर डॉक्टर मौआर के पास भेजा। डॉक्टर वेंकटेश्वर मौआर ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे, तभी अजय तिवारी ने उन्हें ₹20,000 दिए। उसी दौरान एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने डॉक्टर को घूस के पैसों के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस खबर से कर्मचारियों में खलबली मच गई थी। टीम ने गवाहों के समक्ष केमिकल को धुलवाकर साक्ष्य भी जुटाए थे।

गौरतलब है कि डॉक्टर वेंकटेश्वर मौआर पर पहले भी घूस मांगने के आरोप लगे थे, लेकिन वे मामले शांत हो गए थे। इस बार वे एंटी करप्शन के शिकंजे में आए और अब जेल में ही उनकी मौत हो गई।