Varanasi News : वाराणसी विकास प्राधिकरण सवालों के घेरे में, हाई कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बन रहा चार मंजिला होटल

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) पर हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर भेलूपुर क्षेत्र में एक चार मंजिला होटल के अवैध निर्माण को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना नक्शा मंजूरी के यह निर्माण जारी है और शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

Varanasi News : वाराणसी विकास प्राधिकरण सवालों के घेरे में, हाई कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बन रहा चार मंजिला होटल

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) एक बार फिर गंभीर आरोपों के घेरे में है। इस बार मामला भेलूपुर ज़ोन के गंगोत्री बिहार कॉलोनी स्थित सुखानंद बाबा आश्रम के पास नगवा लंका इलाके में बन रहे एक चार मंजिला होटल से जुड़ा है। स्थानीय नागरिकों और विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस होटल का निर्माण पूरी तरह से अवैध तरीके से किया जा रहा है, क्योंकि इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण से किसी भी प्रकार के नक्शे की मंजूरी नहीं ली गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस निर्माण को लेकर पहले से ही उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) के स्पष्ट आदेश मौजूद हैं, जिनका खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है।

यह पूरा अवैध निर्माण का मामला फरवरी 2025 से लगातार स्थानीय निवासियों द्वारा उठाई जा रही शिकायतों का विषय बना हुआ है। बावजूद इसके, वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से इस गंभीर मुद्दे पर कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे स्थानीय लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। उनका सीधा आरोप है कि विकास प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने भारी रिश्वत की रकम लेकर न केवल इस अवैध निर्माण को अनदेखा किया है, बल्कि उनकी वैध शिकायतों को भी दबा दिया है।

एक स्थानीय निवासी ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए बताया, “हमने इस अवैध निर्माण के खिलाफ कई बार लिखित और ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराई हैं। हर बार हमें आश्वासन दिया गया कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन वास्तविकता में कुछ भी नहीं बदला। गंगा के पवित्र घाटों के इतने नजदीक इस तरह का अनधिकृत निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि यह वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को भी नुकसान पहुंचा रहा है।”

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि नियमों के अनुसार, बिना नक्शा मंजूरी के किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य 200 मीटर के दायरे में नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद, इस चार मंजिला होटल का निर्माण धड़ल्ले से जारी है, मानो विकास प्राधिकरण के नियमों और उच्च न्यायालय के आदेशों का कोई महत्व ही न हो। इस पूरे घटनाक्रम ने वाराणसी विकास प्राधिकरण की कार्यशैली और भ्रष्टाचार के प्रति उसकी कथित उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना और स्थानीय नागरिकों की लगातार शिकायतों के बावजूद, यह अवैध निर्माण कब तक जारी रहता है और क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जाती है।