Varanasi Crime : वाराणसी में संपत्ति का खूनी खेल, छोटे भाई ने साथियों संग मिलकर बड़े भाई पर किया जानलेवा हमला
In Varanasi's Lanka area, a property dispute between two brothers turned violent when the younger brother, Abhay Singh, along with his associates, allegedly attacked his elder brother, Ajay Singh, and his friend. Both injured are receiving treatment, and police have registered a case.

वाराणसी: बनारस के लंका थाना क्षेत्र के रमना इलाके में संपत्ति विवाद ने एक खूनी मोड़ ले लिया। राम आसरे सिंह के दो बेटों, अजय सिंह और अभय सिंह के बीच काफी समय से संपत्ति को लेकर पारिवारिक कलह चल रही थी। शुक्रवार को यह विवाद उस वक्त हिंसक रूप ले लिया, जब छोटे भाई अभय सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर बड़े भाई अजय सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया।
जानकारी के अनुसार, अजय सिंह, जो बीएचयू में ठेकेदारी का काम भी करते हैं, शुक्रवार को अपने दोस्त श्याम जी यादव के साथ सीरगोवर्धनपुर से नरिया जाने के लिए निकले थे। जैसे ही वे बीएचयू के स्वतंत्रता भवन के सामने पहुंचे, अजय के छोटे भाई अभय ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर उनकी गाड़ी को रोक लिया। ये साथी थे रायपुर चुनार के रहने वाले सतवान सिंह, पिंटू सिंह उर्फ श्रवण और उनके कुछ अन्य दोस्त - रौनक मिश्रा, गौरव तिवारी, हिमांशु राय और बिट्टू।
गाड़ी रुकते ही इन सभी ने मिलकर अजय सिंह और उनके दोस्त श्याम जी यादव पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। मारपीट के दौरान आरोपियों ने दोनों को बुरी तरह से पीटा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। लहूलुहान अजय और श्याम जी को तुरंत ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
अजय सिंह के पिता राम आसरे सिंह की शिकायत पर लंका पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अभय सिंह, सतवान सिंह, पिंटू उर्फ श्रवण, रौनक मिश्रा, गौरव तिवारी, हिमांशु राय और बिट्टू के साथ-साथ कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच में जुट गई है।
यह घटना एक बार फिर संपत्ति विवादों में बढ़ती हिंसा को दर्शाती है। पारिवारिक रिश्तों में इस तरह की कड़वाहट और खून-खराबा बेहद दुखद और चिंताजनक है। एक मामूली संपत्ति का लालच किस तरह से रिश्तों को तार-तार कर देता है और लोगों को जान लेने पर उतारू कर देता है, यह इस घटना से साफ जाहिर होता है।
लंका पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी कानून के शिकंजे में होंगे। वहीं, अजय सिंह और श्याम जी यादव के जल्द स्वस्थ होने की कामना हर कोई कर रहा है। यह घटना हम सभी को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वाकई संपत्ति इतनी कीमती है कि उसके लिए अपनों का खून बहा दिया जाए?