रामपुर में त्रिवेणी शुगर मिल की बस खाई में पलटी: 21 कर्मचारी घायल, मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के रामपुर में त्रिवेणी शुगर मिल की बस खाई में पलट गई। हादसे में 21 कर्मचारी घायल हुए। ट्रैक्टर को बचाने के प्रयास में हुआ हादसा, घायलों को काशीपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

रामपुर में त्रिवेणी शुगर मिल की बस खाई में पलटी: 21 कर्मचारी घायल, मचा हड़कंप

रामपुर, उत्तर प्रदेश

त्रिवेणी शुगर मिल डिस्टलरी यूनिट के कर्मचारियों को लेकर जा रही एक बस शुक्रवार को उस समय हादसे का शिकार हो गई जब चालक ने सामने से आ रहे एक ट्रैक्टर को बचाने की कोशिश की। अनियंत्रित बस खाई में जा गिरी, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इस दुर्घटना में कुल 21 कर्मचारी घायल हुए हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए काशीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।


हादसे की पूरी जानकारी

यह हादसा उस समय हुआ जब त्रिवेणी शुगर मिल की बस उत्तराखंड के काशीपुर से उत्तर प्रदेश के टांडा क्षेत्र की ओर जा रही थी। बस में कुल 25 लोग सवार थे, जिनमें से अधिकतर मिल के कर्मचारी थे। बस जैसे ही टेलीपुरा गांव के पास पहुंची, सामने से एक ट्रैक्टर आ गया। ट्रैक्टर को बचाने की कोशिश में बस चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और बस खंती (खाई) में जा गिरी।

घटना के तुरंत बाद बस में सवार लोगों में चीख-पुकार मच गई। ग्रामीणों और राहगीरों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को बाहर निकाला और एम्बुलेंस को सूचना दी। सूचना मिलते ही टांडा थाना पुलिस और डिस्टलरी यूनिट के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।


डिस्टलरी प्रबंधन का बयान

डिस्टलरी के महाप्रबंधक रविंद्र कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा, "घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन राहत की बात यह है कि कोई भी कर्मचारी गंभीर रूप से घायल नहीं है। सभी को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी कर्मचारी फिलहाल सुरक्षित हैं और डिस्टलरी प्रबंधन की ओर से सभी जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया कराई गई है।


घायल कर्मचारियों की सूची

हादसे में जिन 21 कर्मचारियों को चोटें आई हैं, उनके नाम निम्नलिखित हैं:

  1. आलोक कुमार

  2. रचित अग्रवाल

  3. कौशल चौहान

  4. संतोष कुमार

  5. अशोक पांडे

  6. अजय कुमार वर्मा

  7. राहुल शर्मा

  8. शीशपाल

  9. अमरीश सिंह

  10. जयवीर सिंह

  11. उदय राम

  12. पुष्पेंद्र

  13. सुनील कुमार

  14. कृष्ण कुमार

  15. प्रशांत सिंह

  16. मोहन चंद्र

  17. धीरेंद्र मिश्र

  18. प्रमोद गुप्ता

  19. राहुल सिंह यादव

  20. सुधीर कुमार (मैनेजर)

  21. विपिन शर्मा

मैनेजर सुधीर कुमार को भी मामूली चोटें आई हैं, जिनका प्राथमिक उपचार कर दिया गया है।


पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

टांडा थाने के दरोगा प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने बताया, “ट्रैक्टर को बचाने की कोशिश में बस खाई में जा गिरी थी, लेकिन गनीमत रही कि कोई बड़ा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।”

प्रशासन ने यह भी कहा कि बस का तकनीकी निरीक्षण किया जाएगा और चालक से पूछताछ की जा रही है कि क्या बस की गति अधिक थी या कोई यांत्रिक खराबी थी।


स्थानीय लोगों की सराहनीय भूमिका

घटना के तुरंत बाद आस-पास के ग्रामीणों और राहगीरों ने बिना देरी किए मदद पहुंचाई। उन्होंने न सिर्फ घायलों को बस से बाहर निकाला बल्कि एम्बुलेंस और पुलिस को भी सूचित किया। उनकी सक्रियता और मानवीयता की चारों ओर प्रशंसा हो रही है।


बस सेवाओं की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर से कर्मचारियों के परिवहन साधनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमित रूप से सेवा दे रही फैक्ट्री बसों की स्थिति, ड्राइवर की दक्षता और सड़क सुरक्षा मानकों की जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है।


निष्कर्ष

हालांकि यह दुर्घटना गंभीर हो सकती थी, परंतु समय पर हुई राहत कार्य और स्थानीय लोगों की सजगता ने बड़ी जनहानि को टाल दिया। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि सड़क पर पल भर की लापरवाही कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रशासन और मिल प्रबंधन को चाहिए कि वे बसों की नियमित जांच और चालकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दें ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।