संकट मोचन महंत के आवास पर करोड़ों की चोरी, कर्मचारी संदेह के घेरे में

वाराणसी के तुलसीघाट स्थित संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्रा के आवास से रविवार को चोर 3 लाख रुपये नकद और लगभग एक करोड़ रुपये के जेवरात चुरा ले गए। पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।

संकट मोचन महंत के आवास पर करोड़ों की चोरी, कर्मचारी संदेह के घेरे में

वाराणसी के तुलसीघाट इलाके में स्थित प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्रा का आवास रविवार दोपहर को उस समय अपराध का केंद्र बन गया, जब दो अज्ञात चोरों ने दुस्साहसिक चोरी को अंजाम दिया। महंत के कार्यालय वाले आवास के दूसरे तल पर सेंध लगाकर चोर 3 लाख रुपये नकद और अनुमानित एक करोड़ रुपये मूल्य के कीमती जेवरात उड़ा ले गए।

इस हाई-प्रोफाइल चोरी की जानकारी तब हुई जब महंत सोमवार रात दिल्ली से वापस लौटे और अपने कमरे का दरवाजा खुला पाया। तत्काल पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद डीसीपी काशी और एसीपी भेलूपुर भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सीसीटीवी फुटेज में मुंह ढके दो युवक झोला लेकर घर में प्रवेश करते और निकलते हुए कैद हुए हैं।

पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इस मामले में दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया है, जिनसे गहन पूछताछ जारी है। एडीसीपी काशी ने जल्द ही चोरी की घटना का खुलासा करने का आश्वासन दिया है। इस बीच, महंत की पत्नी आभा मिश्रा इलाज के लिए दिल्ली के मेदांता अस्पताल गई हुई हैं और उनके लौटने के बाद ही चोरी गए गहनों की सटीक जानकारी मिल पाएगी, क्योंकि ये जेवरात उनके ही बताए जा रहे हैं।

इस चोरी की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और पुलिस महंत के आवास पर काम करने वाले कर्मचारियों की संभावित मिलीभगत की भी जांच कर रही है। घटनास्थल पर आलमारी खुली हुई थी और उसकी कुंडी टूटी मिली है, जिससे अंदर के लोगों की संलिप्तता का संदेह गहराता जा रहा है। चोरी हुई नकदी मंदिर के चढ़ावे की बताई जा रही है, जबकि जेवरात महंत के परिवार की पुरानी और बेशकीमती धरोहर थे।

महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके आवास के ऊपरी कमरे में एक बंद बक्से का ताला भी तोड़ा गया था, लेकिन उसमें कोई सामान न होने के कारण उन्होंने तब पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। अब इस नई चोरी की घटना ने पुलिस के लिए चुनौती और बढ़ा दी है।

तुलसीघाट, जो ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और जहां से 2010 में तुलसीदास द्वारा लिखित एक पांडुलिपि भी चोरी हो गई थी (जिसे बाद में बरामद कर लिया गया था), एक बार फिर अपराध के कारण सुर्खियों में है। संकट मोचन मंदिर के महंत के आवास पर हुई इस बड़ी चोरी ने न केवल मंदिर समुदाय बल्कि पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस पर जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने और दोषियों को पकड़ने का दबाव बढ़ गया है।