Varanasi : पति की गाड़ी टच होने पर दबंगों का कहर, पूरे परिवार को बेरहमी से पीटा, पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
वाराणसी के सारनाथ में गाड़ी टच होने पर दबंगों ने पूरे परिवार पर ईंट, पत्थर और रॉड से हमला कर दिया। पीड़ितों ने पुलिस पर मिलीभगत और मेडिकल रिपोर्ट न बनाने का आरोप लगाया।

वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के नई बजार पतेरवा निवासी निशा मौर्या और उनके परिवार पर दबंगों ने उस वक्त जानलेवा हमला कर दिया, जब उनके पति अखिलेश मौर्या गली से अपनी गाड़ी निकाल रहे थे। निशा मौर्या ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि गाड़ी निकालते समय उनके पति की गाड़ी विपक्षी की गाड़ी से मामूली रूप से टच हो गई, जिसके बाद विपक्षी और उनके साथियों ने मिलकर ईंट, पत्थर, डंडे और लोहे की रॉड से उन पर हमला कर दिया।
पीड़िता निशा मौर्या के अनुसार, हमला करने वालों में फूलचंद मौर्या, राजीव, संजीव, संदीप, सुनील, उषा देवी और सुंदरी देवी शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने मिलकर उनके पति अखिलेश मौर्या, उन्हें (निशा), और उनके एक साल के बच्चे को उठाकर पटक दिया और बेरहमी से पीटा। मारपीट में उनके ससुर, ननद और ननद के पति को भी गंभीर चोटें आईं।
पीड़ित परिवार किसी तरह अपनी जान बचाकर सुबह करीब ग्यारह बजे सारनाथ सामुदायिक अस्पताल पहुंचा, जहां उन्हें भर्ती कराया गया। निशा मौर्या ने आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती करने के दौरान उनका मेडिकल परीक्षण नहीं किया गया। इसके बाद अस्पताल कर्मचारियों ने उन्हें मलहम-पट्टी करके तुरंत दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल जाने के लिए कह दिया।
पीड़ित परिवार तत्काल एंबुलेंस बुलाकर मारपीट में घायल सभी लोगों को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचा, जहां कुछ लोगों को भर्ती कराया गया, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। निशा मौर्या का आरोप है कि दीनदयाल अस्पताल वालों ने पहले रेफर कागज लाने को कहा, अन्यथा इलाज करने से मना कर दिया और मरीजों को तुरंत कबीरचौरा अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जबकि सच्चाई यह है कि सामुदायिक अस्पताल वालों ने मेडिकल रिपोर्ट बनाने की बजाय एक्सरे रिपोर्ट बना दी थी।
पीड़िता निशा मौर्या ने यह भी बताया कि विपक्षीगण लगभग एक साल से उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। इस जमीन कब्जे को लेकर सारनाथ थाने में दो बार पंचायत भी हो चुकी है और एक बार सुलह समझौते के लिए उनकी तरफ से सोलह हजार रुपये भी दिए गए थे, जिसके बाद विपक्षी कुछ महीने तक शांत रहे, लेकिन फिर से जमीन कब्जा करने की कोशिश करने लगे।
पीड़िता ने सारनाथ थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस विपक्षीगणों से मिली हुई है और जानबूझकर उन्हें परेशान कर रही है, ताकि उनका मुकदमा दर्ज न किया जा सके। निशा मौर्या ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि इलाज के दौरान उनके परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सारनाथ पुलिस की होगी। इस घटना से पीड़ित परिवार दहशत में है और न्याय की गुहार लगा रहा है।