Electricity Crisis : आज़मगढ़ में बिजली संकट गहराया: हर 5 मिनट पर ट्रिप हो रही बिजली, रात में भी राहत नहीं; खपत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
आजमगढ़ में भीषण गर्मी के कारण बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। हर 5 मिनट पर बिजली ट्रिप कर रही है, जिससे रात में भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। पिछले तीन दिनों में बिजली की खपत 30 मेगावाट बढ़ गई है, जिससे ओवरलोड और लो-वोल्टेज की समस्या गंभीर हो गई है।

Electricity Crisis in UP : पूरे उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है, और इस भयंकर तपिश में बिजली कटौती "कोढ़ में खाज" का काम कर रही है। आज़मगढ़ ज़िले में बिजली की आँख मिचौली ने शहर से लेकर गाँव तक हर किसी को बेहाल कर दिया है। पानी की समस्या हो या अन्य दैनिक ज़रूरतें, सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है। गर्मी के बढ़ते पारे ने ज़िले की समूची बिजली व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है।
रातें हुईं बेचैन, नींद उड़ी-उड़ी
शाम ढलते ही बिजली व्यवस्था हांफने लग जाती है। हर पांच मिनट पर बिजली ट्रिप कर रही है, और यह सिलसिला पूरी रात बेरोकटोक जारी रहता है। लोग करवटें बदलते हुए बेचैन रातें गुजारने को मजबूर हैं। बीते मंगलवार से तापमान लगातार 41 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। ऊपर से पुरवा हवा के कारण उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। दिन की चिलचिलाती धूप जहां लोगों के पसीने छुड़ा दे रही है, वहीं शाम और रात की लगातार ट्रिपिंग सबकी नींद भी उड़ा दे रही है।
खपत में भारी बढ़ोतरी, ओवरलोड का कहर
आज़मगढ़ ज़िले में 80 उपकेंद्रों के माध्यम से लोगों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। शहरी क्षेत्रों की स्थिति कुछ हद तक बेहतर है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। जितनी तेज़ी से गर्मी बढ़ रही है, उतनी ही तेज़ी से बिजली की खपत भी बढ़ रही है। 9 जून से पहले ज़िले में बिजली की खपत लगभग 450 मेगावाट थी, लेकिन पिछले तीन दिनों में यह रिकॉर्ड 30 मेगावाट बढ़कर 480 मेगावाट तक पहुंच गई है।
इस भारी ओवरलोड का सीधा असर पॉवर हाउसों पर पड़ रहा है। यही वजह है कि बार-बार बिजली ट्रिप कर जा रही है। साथ ही, लो-वोल्टेज की समस्या भी आम हो गई है, जिसके कारण बिजली के उपकरण भी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। मुबारकपुर के मोहब्बतपुर उपकेंद्र की हालत तो और भी बुरी है, जहां शाम छह बजे के बाद हर पांच मिनट पर बिजली गुल हो रही है।
बिलबिलाए लोग, ट्रांसफार्मर भी दे रहे जवाब
गर्मी और बिजली संकट ने आम जनमानस को बिलबिला दिया है। लो-वोल्टेज के कारण सबमर्सिबल, कूलर और पंखे भी नहीं चल पा रहे हैं, जिससे गर्मी से राहत पाना मुश्किल हो गया है। पिछले तीन दिनों में ओवरलोड के कारण 134 ट्रांसफार्मर डैमेज हो गए हैं। बिजली विभाग के वर्कशॉप में प्रतिदिन 45 से 46 डैमेज ट्रांसफार्मर की शिकायतें पहुंच रही हैं, जिससे विभाग पर मरम्मत का भारी दबाव है।
पवई क्षेत्र में प्रतिदिन लोगों को कई बार अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। एक दिन में 20 से अधिक बार बिजली गुल होना अब आम बात हो गई है। छोटे बच्चों को इस स्थिति में सबसे ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत उपकेंद्र पवई के बेलवाई फीडर पर मंगलवार शाम 7 बजे बिजली गुल होने के बाद बुधवार सुबह 7:30 बजे ही आपूर्ति बहाल हो पाई।
फूलपुर में भी लोग भीषण गर्मी में लो-वोल्टेज और ट्रिपिंग से परेशान हैं। साथ ही, फाल्ट भी एक बड़ी समस्या बन गई है। बृहस्पतिवार को कस्बा के गल्ला मंडी में सुबह एक फेस उड़ गया, जिसके चलते मंगलबाजार में दिन भर बिजली आपूर्ति बाधित रही। गर्म हवाएं, तेज़ धूप और आग की लपटों जैसी गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है।
सिर्फ 8 घंटे मिल रही बिजली, किसान और दुकानदार भी परेशान
चक्रपानपुर क्षेत्र में लोगों को कुल मिलाकर सिर्फ 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। दिन में लगभग तीन घंटे और रात में पांच घंटे बिजली मिलने से लोगों को गर्मी में पेड़ों की छाया में दिन गुजारना पड़ रहा है। क्षेत्र के संजीव सिंह ने बताया कि लो-वोल्टेज के कारण पंखे और कूलर तो चल ही नहीं रहे, किसान संडा की रोपाई भी नहीं कर पा रहे हैं। दुकानदार रिंटू का कहना है कि बिजली न मिलने से दुकान पर कोई काम भी नहीं हो पा रहा है।
अधिकारी बोले: ओवरलोड है वजह
इस गंभीर समस्या पर अधीक्षण अभियंता द्वितीय, धीरज कुमार जायसवाल ने बताया कि गर्मी के कारण लोड बढ़ गया है। लोग एसी, कूलर, फ्रीज जैसे उपकरणों का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं, जिसका सीधा असर उपकेंद्रों पर लगे पॉवर ट्रांसफार्मरों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ओवरलोड के कारण ही बार-बार बिजली ट्रिप कर जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बिजली उपकरणों का थोड़ा कम प्रयोग करें, ताकि आपूर्ति सही हो सके।
वहीं, अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन, नवीन चंद्रा ने बताया कि पिछले तीन दिनों से गर्मी अधिक पड़ने के कारण ज़िले की बिजली खपत 450 मेगावाट से बढ़कर 480 मेगावाट पहुंच गई है। उन्होंने आशंका जताई है कि गर्मी को देखते हुए अभी 10 प्रतिशत और बिजली की खपत बढ़ सकती है।
आज़मगढ़ का यह बिजली संकट भीषण गर्मी में लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का कोई समाधान निकलेगा।