Noida news : नोएडा पुलिस ने गांजा तस्कर गिरोह का किया भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
नोएडा पुलिस ने गांजा तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया और दो साथियों को गिरफ्तार किया। ये तस्कर विशाखापत्तनम और उड़ीसा से ट्रेन से गांजा लेकर दिल्ली एनसीआर में सप्लाई करते थे।

Noida news : नोएडा पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गांजा तस्करों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को धर दबोचा है, जो विशाखापट्नम और उड़ीसा जैसे दूर-दराज के इलाकों से ट्रेन के जरिए गांजा लाकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सप्लाई करते थे।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा के थाना फेस-2 क्षेत्र में इन तस्करों के आने की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ककराला के पास से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए तस्करों के कब्जे से भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ है, जिसका वजन लगभग 51 किलोग्राम बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस बरामद गांजे की कीमत करीब 10 लाख रुपए आंकी जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रंजन प्रधान (20 वर्ष) और जयंत मंडल (18 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों ही आरोपी पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले हैं।
दिल्ली-एनसीआर में थे सक्रिय:
इस मामले में जानकारी देते हुए नोएडा सेंट्रल के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ये दोनों तस्कर पिछले 3 से 4 महीनों से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय थे। इनका मुख्य धंधा कॉलेज, पीजी और आसपास के इलाकों में घूम-घूमकर नशे के आदी युवाओं को गांजा बेचना और उससे मुनाफा कमाना था। ये न केवल लोकल सप्लायरों को माल पहुंचाते थे, बल्कि खुद भी कार के माध्यम से गांजे की सप्लाई करते थे। डीसीपी अवस्थी ने बताया कि कुछ समय पहले ट्रेन से गांजा सप्लाई करने वाले कुछ अन्य तस्कर भी पकड़े गए थे, जिनकी मोबाइल जांच में इन आरोपियों के नंबर सामने आए थे।
चालाकी से करते थे सप्लाई:
पूछताछ में आरोपियों ने गांजा तस्करी के अपने तरीके का खुलासा किया। वे ट्रेन में गांजे के ऊपर सामान्य सामान रखते थे और बीच में गांजा छिपाकर लाते थे, ताकि किसी को शक न हो। दिल्ली पहुंचने से पहले वे कई स्टेशनों पर उतरकर दिल्ली-एनसीआर में अपने स्थानीय सप्लायरों से मिलते थे और उन्हें गांजा सौंपते थे। पुलिस को चकमा देने के लिए ये आरोपी कॉल रिकॉर्ड और ट्रेसिंग से बचने के लिए हमेशा व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल करते थे। इसके अलावा, वे एक ही जगह पर टिककर नहीं रहते थे, बल्कि हर बार अपनी लोकेशन बदल लेते थे। सुरक्षा के लिहाज से ये एक साथ सारा गांजा नहीं रखते थे, बल्कि थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग ठिकानों पर छिपाते थे और डिमांड आने पर ही सप्लायर को देते थे और उनसे पैसे वसूलते थे। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि ये ऑनलाइन डिमांड पर भी गांजे की सप्लाई करते थे।
अन्य तस्करों की तलाश जारी:
डीसीपी शक्ति मोहन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल फोन से कई महत्वपूर्ण नंबर मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में गांजा खरीदने वाले भी रडार पर हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड को भी खंगाल रही है और उनके गिरोह में शामिल अन्य साथियों की तलाश में जुटी है। इसके साथ ही, उन संभावित ठिकानों की भी जांच की जा रही है, जहां ये गांजे की सप्लाई करते थे।
नोएडा पुलिस की इस कार्रवाई को मादक पदार्थों के खिलाफ एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस गोरखधंधे में शामिल अन्य लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।