शापूरजी पालोनजी ग्रुप को ड्यूश बैंक से मिला रिकॉर्ड 29,000 करोड़ रुपये का लोन
प्रमुख भारतीय बिजनेस समूह शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने जर्मनी के ड्यूश बैंक से रिकॉर्ड 3.35 अरब डॉलर (लगभग 29,000 करोड़ रुपये) का प्राइवेट क्रेडिट लोन प्राप्त किया है। यह अमेरिका के बाहर की सबसे बड़ी प्राइवेट क्रेडिट डील है।

देश के प्रमुख बिजनेस परिवारों में से एक, शापूरजी पालोनजी (एसपी) ग्रुप ने जर्मनी के ड्यूश बैंक से एक रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्राइवेट क्रेडिट लोन हासिल किया है। यह लोन 3.35 अरब डॉलर का है, जो भारतीय रुपये में लगभग 29,000 करोड़ रुपये के बराबर है। यह राशि नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) के रूप में जुटाई गई है और अमेरिका के बाहर यह सबसे बड़ी प्राइवेट क्रेडिट डील मानी जा रही है।
एसपी ग्रुप, जो एक प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, ने टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी का कुछ भाग गिरवी रखकर यह विशाल राशि जुटाई है। इस महत्वपूर्ण वित्तीय डील में ब्लैक रॉक और मॉर्गन स्टेनली जैसे बड़े वैश्विक निवेशकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। यह लोन तीन साल की अवधि के लिए दिया गया है, जिस पर 19.75% की ब्याज दर लागू होगी, और इस ब्याज का भुगतान हर साल के अंत में किया जाएगा। इससे पहले, 2023 में एसपी ग्रुप की एक अन्य कंपनी, गोस्वामी इंफ्राटेक ने 18.75% ब्याज दर पर 1.7 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी।
कंपनी की योजना के अनुसार, इस नए लोन से प्राप्त धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से अपने पुराने कर्ज को चुकाने और अपने रियल एस्टेट और ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन) व्यवसायों के विकास को गति देने के लिए किया जाएगा। इस डील पर टिप्पणी करते हुए एक निवेशक ने कहा कि यह बड़े कॉरपोरेट्स के लिए लंबी अवधि की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने का एक नया और महत्वपूर्ण मार्ग प्रशस्त करेगा।
विशेष रूप से, ड्यूश बैंक ने इस डील में स्वयं 893 मिलियन डॉलर का निवेश किया है और 500 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि अपने पास रखी है। बैंक ने इस सिंडिकेशन प्रक्रिया में ब्लैक रॉक, सोना कैपिटल, मॉर्गन स्टेनली और पिमको जैसे प्रतिष्ठित निवेशकों को भी सफलतापूर्वक शामिल किया है। गोल्ड कैपिटल और पिमको के लिए यह डील भारत के प्राइवेट क्रेडिट बाजार में उनका पहला बड़ा निवेश है।
इस फंडिंग में तीन अलग-अलग प्रकार के निवेशकों की भागीदारी देखी गई। पहले समूह में स्टर्लिंग बॉन्ड में निवेश करने वाले थे, दूसरे समूह में गोस्वामी बॉन्ड में निवेश करने वाले शामिल थे, और तीसरे समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, हांगकांग, सिंगापुर और भारत के नए प्राइवेट क्रेडिट निवेशक थे। जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए, ड्यूश बैंक ने कई अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट फंड्स को इस डील से जोड़ा। ब्लैक रॉक ने 70 मिलियन डॉलर, सोना कैपिटल ने 180 मिलियन डॉलर, मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट ने 60 मिलियन डॉलर और पिमको ने 45 मिलियन डॉलर का निवेश किया, जो कुल मिलाकर लगभग 355 मिलियन डॉलर होता है। इसके अतिरिक्त, एरेस ने अलग से 500 मिलियन डॉलर, फरालोन कैपिटल ने 596 मिलियन डॉलर, डेविडसन केम्पनेर ने 401 मिलियन डॉलर और सेर्बेरस कैपिटल ने 474 मिलियन डॉलर का योगदान दिया।