आसमानी कहर पूर्वोत्तर पर: पीएम मोदी ने बढ़ाया मदद का हाथ

पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और भूस्खलन से मची त्राहिमाम। पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। असम, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और नागालैंड में लाखों लोग प्रभावित।

आसमानी कहर पूर्वोत्तर पर: पीएम मोदी ने बढ़ाया मदद का हाथ
PM ने असम-सिक्किम-मणिपुर का जाना हाल

उत्तर पूर्व भारत में भारी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचा रखी है। असम से लेकर सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और नागालैंड तक, पूरा क्षेत्र आसमानी आफत का सामना कर रहा है। इन गंभीर हालातों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला से फोन पर बात कर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद और समर्थन का आश्वासन दिया।

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हालात का जायजा:

पूर्वोत्तर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से सोमवार तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि क्षेत्र के कई राज्यों में 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

असम में गंभीर स्थिति:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें असम में बाढ़ के हालात की जानकारी लेने के लिए फोन किया था। उन्होंने बताया कि असम और आसपास के राज्यों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ आ गई है और कई जिंदगियां प्रभावित हुई हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों की जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री सरमा ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, असम में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक जिलों में 5.35 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आने वाले दिनों में राज्य में और अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है।

गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने कहा है कि असम के ज्यादातर इलाकों में मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में तबाही:

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को असम में एक और मौत की सूचना मिली, जिससे पूर्वोत्तर में बाढ़ से संबंधित मौतों की कुल संख्या बढ़कर 38 हो गई है। इनमें से 11 असम में, 9 अरुणाचल प्रदेश में, 6-6 मेघालय और मिजोरम में, 3 सिक्किम में, 2 त्रिपुरा में और 1 नागालैंड में हुई है। लगातार भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से पूरा क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

  • सिक्किम: सिक्किम में भूस्खलन से सेना के जवानों सहित तीन लोगों की मौत हो गई है। एक सैन्य शिविर पर हुए भूस्खलन के बाद कम से कम छह सुरक्षाकर्मी अभी भी लापता हैं।
  • मणिपुर: मणिपुर में लगातार बारिश से आई बाढ़ से लगभग 20,000 लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में 3,365 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सरकार ने इंफाल पूर्व में 31 राहत शिविर खोले हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी कामेंग जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 13 पर एक कार के भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाओं और दो बच्चों सहित एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई है।
  • नागालैंड: नागालैंड में किसामा में नागा हेरिटेज विलेज के पास भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग-2 अवरुद्ध हो गया है, जिससे नागालैंड और मणिपुर के बीच यातायात बंद हो गया है।
  • त्रिपुरा: त्रिपुरा में, आईएमडी ने मंगलवार तक खोवाई, पश्चिम और दक्षिण त्रिपुरा में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट और अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के 66 राहत शिविरों में 10,813 बाढ़ प्रभावित लोगों को रखा गया है। गोमती, खोवाई, सिपाहीजला, दक्षिण त्रिपुरा और उत्तरी त्रिपुरा जिलों में 219 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।