अरुणाचल पर 'नाम बदलने' की चीन की चाल, भारत ने दिया करारा जवाब

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने केlatest प्रयास पर भारत का कड़ा रुख। विदेश मंत्रालय ने इसे 'व्यर्थ और बेतुका' बताते हुए सच्चाई से इनकार करने वाला कदम बताया।

अरुणाचल पर 'नाम बदलने' की चीन की चाल, भारत ने दिया करारा जवाब

अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के चीन के नवीनतम दुस्साहस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने बीजिंग के इस कदम को "व्यर्थ और बेतुका" प्रयास करार देते हुए स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जोर देकर कहा कि "रचनात्मक नामकरण" इस निर्विवाद वास्तविकता को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।

चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के 27 और स्थानों के लिए चीनी और तिब्बती नामों की अपनी पांचवीं सूची जारी की है। चीन इस भारतीय राज्य को "ज़ांगनान" यानी दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और इस तरह के नाम परिवर्तन को सीमावर्ती क्षेत्रों पर अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत करने की रणनीति के तहत उठाता रहा है।

भारत ने हमेशा चीन के इस तरह के प्रयासों का कड़ा विरोध किया है। नई दिल्ली का स्पष्ट रुख है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और चीन द्वारा किए गए "मनगढ़ंत" नामकरण इस ऐतिहासिक और भौगोलिक सत्य को नहीं बदल सकते। पिछले वर्ष भी, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के मानकीकृत नामों की सूची जारी की थी, तब भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 2020 से गतिरोध बना हुआ है, हालांकि हाल के दिनों में संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास किए गए हैं।

चीन द्वारा बार-बार स्थानों के नाम बदलने की यह हरकत ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश आपसी संबंधों को सुधारने की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि चीन के इस तरह के कदम सीमा विवाद को हल करने और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया को और जटिल बना सकते हैं। भारत का स्पष्ट और दृढ़ रुख यह दर्शाता है कि वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और चीन के किसी भी एकतरफा कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेगा।