अयोध्या कारागार में मौन चीत्कार: महिला आरक्षी की संदिग्ध मौत का रहस्य

अयोध्या के मंडल कारागार में तैनात महिला आरक्षी शांति यादव का शव उनके आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में लटका मिला। जौनपुर निवासी शांति की मौत ने जेल प्रशासन और उनके परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है, जबकि पुलिस मामले की गहन पड़ताल में जुटी है।

अयोध्या कारागार में मौन चीत्कार: महिला आरक्षी की संदिग्ध मौत का रहस्य

अयोध्या के मंडल कारागार की दीवारों के भीतर आज एक गहरा रहस्य घिर गया। यहां तैनात महिला आरक्षी शांति यादव, जिनकी पहचान उनके शांत स्वभाव और कर्तव्यनिष्ठा के लिए थी, अपने सरकारी आवास के कमरे में मृत पाई गईं। उनका शव छत के कुंडे से लटका हुआ था, और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसने इस दुखद घटना को और भी अधिक रहस्यमय बना दिया है।

जौनपुर की रहने वाली शांति यादव, जो जेल पुलिस बल का एक अभिन्न हिस्सा थीं, की असामयिक मृत्यु ने उनके सहकर्मियों और जेल प्रशासन को स्तब्ध कर दिया है। जिस कारागार में वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात थीं, वहीं उनकी जीवन लीला संदिग्ध परिस्थितियों में समाप्त हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और जेल के उच्च अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जो मौत के सही कारणों पर से पर्दा उठाएगा। हालांकि, प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन बंद कमरे और अन्य परिस्थितियों ने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह वाकई एक आत्मघाती कदम था, या इस मौन चीत्कार के पीछे कोई और गहरा राज छिपा है?

महिला आरक्षी शांति यादव के परिवार को इस हृदयविदारक घटना की जानकारी दे दी गई है। उनकी अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पुलिस हर कोण से मामले की जांच कर रही है। उनके व्यक्तिगत जीवन, कार्यस्थल के माहौल और किसी भी संभावित तनाव या दबाव की पड़ताल की जा रही है। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर साक्ष्य जुटा रही है ताकि कोई भी कड़ियां अनसुलझी न रह जाएं।

अयोध्या के मंडल कारागार में एक महिला प्रहरी की यह संदिग्ध मौत कई सवाल खड़े करती है। क्या कार्य का दबाव इतना असहनीय था? क्या कोई व्यक्तिगत समस्या शांति को इस दुखद अंत की ओर ले गई? या फिर, क्या इस बंद कमरे के पीछे कोई और कहानी दफन है? इन सवालों के जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की गहन जांच के बाद ही मिल पाएंगे। फिलहाल, अयोध्या कारागार में एक शोक का सन्नाटा पसरा हुआ है, और हर कोई उस महिला आरक्षी की मौत के रहस्य से पर्दा उठने का इंतजार कर रहा है, जिसने कभी न्याय की रक्षा की थी।