जौनपुर दुष्कर्म मामला: रेपिस्ट खुर्शीद आलम को 26 दिन में मिली 25 साल की सजा
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी खुर्शीद आलम उर्फ मोहम्मद हमजा को कोर्ट ने मात्र 26 दिनों के भीतर 25 साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। बीएनएस के तहत इतनी जल्दी सजा का यह पहला मामला है।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक अदालत ने इंसानियत को शर्मसार करने वाले एक मामले में त्वरित और सख्त फैसला सुनाया है। पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी खुर्शीद आलम उर्फ मोहम्मद हमजा को अपर सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार द्वितीय की अदालत ने 25 साल के कठोर कारावास और पचास हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि यह फैसला आरोपी के दोषी पाए जाने के महज 26 दिनों के भीतर ही सुना दिया गया, जो उत्तर प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अंतर्गत दर्ज किसी मामले में इतनी कम समय में दी गई पहली सजा है। इस त्वरित न्याय की हर तरफ सराहना हो रही है।
यह घिनौनी वारदात जौनपुर के जाफराबाद थाना क्षेत्र में 27 अप्रैल 2025 को हुई थी। एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पांच साल की मासूम बेटी के साथ खुर्शीद आलम उर्फ मोहम्मद हमजा ने उस समय दुष्कर्म किया, जब वह मंदिर के बाहर खेल रही थी। बच्ची के शोर मचाने पर स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया था। पीड़िता की मां की शिकायत पर जाफराबाद पुलिस ने बिना किसी देरी के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी थी।
जांच में पुलिस ने भी तेजी दिखाई और आरोपी खुर्शीद आलम के खिलाफ केस दर्ज करने के ठीक अगले दिन ही विवेचना पूरी करके अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस मामले की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता पॉक्सो राजेश उपाध्याय ने बताया कि पांच साल की बच्ची मंदिर के बाहर खेल रही थी, तभी आरोपी खुर्शीद आलम ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। स्थानीय लोगों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से ही आरोपी को तुरंत पकड़ा जा सका।
अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार द्वितीय ने आरोपी खुर्शीद आलम उर्फ मोहम्मद हमजा को दोषी पाया और उसे 25 साल के कारावास के साथ-साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस त्वरित और सख्त फैसले ने न केवल पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाया है, बल्कि यह समाज में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि कानून की पकड़ से बचना मुश्किल है और उन्हें उनके कर्मों की सजा जरूर मिलेगी। उत्तर प्रदेश में बीएनएस के अंतर्गत इतने कम समय में दुष्कर्म के आरोपी को सजा मिलना निश्चित रूप से न्याय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।