ज्येष्ठ अमावस्या 2025: पितरों को प्रसन्न करने के अचूक उपाय

ज्येष्ठ अमावस्या 2025 उपाय: पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, बनने लगेंगे सभी बिगड़े काम!

ज्येष्ठ अमावस्या 2025: पितरों को प्रसन्न करने के अचूक उपाय

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, खासकर ज्येष्ठ माह की अमावस्या को। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस वर्ष, ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई 2025 को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 27 मई 2025 को सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को मनाई जाएगी।

पितरों को प्रसन्न करने के उपाय:

  • स्नान और वस्त्र: ज्येष्ठ अमावस्या के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पितरों का स्मरण और तर्पण: पितरों का ध्यान करें और उन्हें काले तिल, सफेद फूल और कुश का उपयोग करके तर्पण अर्पित करें। माना जाता है कि इससे पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • ब्राह्मण भोजन: यदि संभव हो, तो घर पर किसी ब्राह्मण को बुलाकर पितरों का तर्पण करवाएं और उन्हें भोजन कराएं।
  • खीर का भोग: पितरों को खीर का भोग लगाएं। खीर में इलायची, केसर और शहद अवश्य मिलाएं।
  • अग्नि और क्षमा याचना: गोबर के उपले से आग जलाएं और अपने पितरों से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।

पितृ दोष दूर करने का उपाय:

  • यदि आप पितृ दोष से परेशान हैं, तो ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की पूजा करें और उसे जल अर्पित करें। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है, और पितर भी इस वृक्ष में निवास करते हैं।