बेंगलुरु भगदड़ मामला: पुलिस FIR पर उठे गंभीर सवाल, जबकि कमिश्नर समेत कई अधिकारी सस्पेंड और 4 गिरफ्तार
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ के बाद कर्नाटक सरकार ने पुलिस कमिश्नर सहित कई अधिकारियों को निलंबित और स्थानांतरित किया है, साथ ही 4 गिरफ्तारियाँ भी हुई हैं। लेकिन, पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की टाइमिंग और जानकारी पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

बेंगलुरु: बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इस घटना में 11 आरसीबी प्रशंसक मारे गए थे। सरकार ने पहले ही बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर दयानंद समेत कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था, और अब खुफिया विभाग के एडीजीपी हेमंत निंबालकर का भी तबादला कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वयं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और खुफिया विभाग की विफलता की बात स्वीकार की थी।
इस घटना के सिलसिले में कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, और आरसीबी के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले समेत चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। हालाँकि, अब कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, जिससे पूरे मामले पर संदेह गहरा रहा है।
दर्ज एफआईआर से उठ रहे हैं ये सवाल
पुलिस विभाग ने शुरुआत में भगदड़ की घटना पर केवल यूडीआर (Unnatural Death Report) दर्ज करके अपना पल्ला झाड़ लिया था। लेकिन, आरोप लगने और मामला गरमाने के बाद पुलिस ने आखिरकार एफआईआर दर्ज की। अब जो एफआईआर दर्ज की गई है, उससे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं:
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FIR में दावा: कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, 3 जून को शाम 6 बजे KSCAC (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) के कार्यकारी अधिकारी शुभेंदु घोष ने कहा कि 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी का जश्न होगा, और उन्होंने इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया।
- सवाल: क्या KSCAC को मैच शुरू होने से एक दिन पहले ही पता था कि RCB आईपीएल फाइनल जीत जाएगी? यह कैसे संभव है?
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FIR में दावा: इसमें उल्लेख किया गया है कि 4 जून को सुबह 9 बजे पुलिस कमिश्नर की अनुमति से सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
- सवाल: तो क्या यह बयान झूठा है कि कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई थी, जैसा कि पहले दावा किया जा रहा था?
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FIR में दावा: जैसा कि एफआईआर में बताया गया है, दोपहर 3:10 बजे भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई।
- सवाल: तो यह कहना गलत है कि घटना शाम 4 से 5 बजे के बीच हुई, जबकि कार्यक्रम शाम 05:45 बजे शुरू हुआ था? साथ ही, एफआईआर में यह जानकारी भी नहीं है कि किस गेट पर किसकी लाश मिली या 4 जून को उन जगहों के बारे में क्या जानकारी थी।
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FIR में दावा: एफआईआर में संदिग्ध व्यक्तियों के नाम सूची में नहीं हैं।
- सवाल: जब कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, तो संदिग्धों के नाम सूची में क्यों नहीं हैं?