Varanasi News : बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टर और कैंटीन स्टाफ में तकरार, गाली-गलौज के आरोपों से मचा बवाल, जांच शुरू

वाराणसी: बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टर और कैंटीन स्टाफ के बीच विवाद। गाली-गलौज और धमकी का आरोप। आईएमएस निदेशक ने जांच के आदेश दिए।

Varanasi News : बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टर और कैंटीन स्टाफ में तकरार, गाली-गलौज के आरोपों से मचा बवाल, जांच शुरू

 BHU Trauma Center : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का ट्रॉमा सेंटर एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। ताजा मामला 26 मई का है, जब जनरल सर्जरी विभाग में कार्यरत डॉ. शशि प्रकाश मिश्रा का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में उन्हें अस्पताल के पीछे बने पेशेंट किचन के बाहर रखी एक कुर्सी को लात मारते हुए देखा जा सकता है। इस घटना के बाद, कैंटीन मैनेजर और कर्मचारियों के साथ उनका तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें डॉक्टर पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

घटना ट्रॉमा सेंटर के पिछले हिस्से में घटी, जहां से डॉक्टर अक्सर ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) जाने के लिए शॉर्टकट का इस्तेमाल करते हुए कैंटीन के पास बने चबूतरे से गुजरते हैं। आरोप है कि 26 मई की सुबह लगभग 9 से 10 बजे के बीच, जब डॉ. मिश्रा ओपीडी जा रहे थे, तो उन्होंने वहां रखी कुर्सियों को लात मारी। कैंटीन के मैनेजर उदय नारायण ने जब उनसे इस हरकत का कारण पूछा, तो डॉक्टर ने कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जातिसूचक गालियां दीं और उन्हें मारने की धमकी भी दी।

पीड़ित कैंटीन मैनेजर उदय नारायण ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से विनम्रतापूर्वक कहा था कि यदि कुर्सी रास्ते में बाधा बन रही थी, तो उन्हें बता देने पर वह उसे हटा देते, लेकिन इस पर डॉक्टर ने गुस्से में पूछा, "Who are you?" (तुम कौन हो?) और धमकी दी कि "ज्यादा बोलोगे तो तुम्हें भी मार दूंगा।" कैंटीन के अन्य कर्मचारियों ने भी आरोप लगाया है कि डॉ. मिश्रा ने उनके प्रति आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

कर्मचारी पक्ष के वकील अनुपम द्विवेदी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डॉक्टर की मानसिकता शुरू से ही भेदभावपूर्ण रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब जब यह मामला सार्वजनिक हो गया है, तो डॉक्टर हड़ताल की धमकी देकर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। वकील द्विवेदी ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया, खासकर इसलिए क्योंकि ट्रॉमा सेंटर एक आपातकालीन चिकित्सा सेवा का केंद्र है, और ऐसे स्थान पर किसी भी प्रकार की हड़ताल को अदालत भी अवैध मानती है।

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें डॉ. मिश्रा स्पष्ट रूप से कुर्सी को लात मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। लंका थाना पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों से लिखित शिकायत (तहरीर) प्राप्त कर ली है। थाना प्रभारी शिवकांत मिश्रा ने बताया कि यह मामला बीएचयू से संबंधित है और इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए, आयुर्विज्ञान संस्थान (IMS) के निदेशक ने एक तथ्यान्वेषी समिति (Fact Finding Committee) का गठन किया है, जो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी।

गौरतलब है कि पेशेंट किचन, जिसकी शुरुआत इसी साल जनवरी में हुई थी, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती मरीजों को दिन में पांच बार नाश्ता, जूस और भोजन जैसी आवश्यक चीजें उपलब्ध कराता है। कैंटीन के मैनेजर और कर्मचारी इस महत्वपूर्ण सेवा को निःस्वार्थ भाव से संचालित करते हैं। अब यह पूरा मामला जांच के अधीन है। पुलिस और प्रशासन दोनों पक्षों की शिकायतों, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों के आधार पर गहन जांच कर रहे हैं। जांच के निष्कर्ष के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि वास्तव में इस घटना का दोषी कौन है, लेकिन इस प्रकरण ने निश्चित रूप से बीएचयू ट्रॉमा सेंटर की आंतरिक व्यवस्थाओं और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।