'लुगाइयों' से लेकर POK तक: पंडित धीरेंद्र शास्त्री का पाकिस्तान पर तीखा वार

Pandit Dhirendra Shastri ne Pakistan aur aatankwad par kiya hamla. 'Jo apni lugaiyon ko nahi sambhal pa raha...' POK par bhi diya bada bayan.

'लुगाइयों' से लेकर POK तक: पंडित धीरेंद्र शास्त्री का पाकिस्तान पर तीखा वार

जबलपुर की धरती पर धर्म और राष्ट्रवाद का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ दहाड़ लगाई। उनके तीखे तेवर और राष्ट्रवादी विचारों ने उपस्थित जनसैलाब को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए शास्त्री ने कहा कि अब ये वो भारत नहीं है जो चुपचाप सहता रहेगा, बल्कि ये नया भारत है जो दुश्मन के घर में घुसकर मारेगा।

पंडित शास्त्री ने भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हर मुश्किल परिस्थिति में देश की रक्षा करने वाले जवान ही हमारे सच्चे हीरो हैं, जिन पर हर भारतीय को गर्व है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब सहिष्णुता की चादर ओढ़कर नहीं बैठेगा, बल्कि हर दुस्साहस का करारा जवाब देगा।

और फिर आया वो बयान, जिसने खूब सुर्खियां बटोरीं। पाकिस्तान पर तीखा कटाक्ष करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "जो अपनी लुगाइयों को नहीं संभाल पा रहा, वो देश क्या संभालेगा?" उनका ये व्यंग्य पड़ोसी मुल्क की सामाजिक अस्थिरता और आंतरिक कुप्रशासन की ओर इशारा करता है। उन्होंने पाकिस्तान को भारत का 'बिगड़ैल बेटा' तक कह डाला, जिसे अब अनुशासन सिखाने की सख्त ज़रूरत है।

इतना ही नहीं, पंडित शास्त्री ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के मुद्दे पर भी अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि अब वक़्त आ गया है, जब भारत को POK को अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए। उनके अनुसार, POK सिर्फ एक भूभाग नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे किसी भी कीमत पर वापस लाना होगा।

अपने भाषण के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लेकर उनकी तारीफ भी की। हालांकि उन्होंने इस बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन ये ज़रूर ज़ाहिर किया कि देशहित में काम करने वाला हर नागरिक, चाहे वो किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि का हो, सम्मान का पात्र है। ये उनके समावेशी विचारों को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि देश के असली हीरो तो दो ही हैं - एक जो सरहद पर खड़ा है और दूसरा जो खेत में खड़ा है। इन्हीं दोनों की मेहनत और बलिदान से भारत सुरक्षित और समृद्ध है।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का ये राष्ट्रवादी और ओजपूर्ण भाषण युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार करने वाला था। उनके शब्दों से ये साफ हो गया कि वो सिर्फ एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं, बल्कि एक जागरूक संत भी हैं, जो राष्ट्र की चेतना को जगाने का काम कर रहे हैं। उनका पाकिस्तान पर कसा गया व्यंग्य, "लुगाइयां संभाल नहीं पा रहा, देश क्या संभालेगा?" वर्तमान राजनीतिक और वैश्विक परिदृश्य में एक तीखा संदेश है, जिसे वहां मौजूद जनता ने तालियों की गड़गड़ाहट से अपना समर्थन दिया। उनके इस भाषण ने ये भी दिखाया कि आज के संत सिर्फ पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और जनजागरण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।