DU VC Yogesh Singh ka Do टूक बयान: "हम DU हैं, JNU जैसा बनने का कोई इरादा नहीं!"
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह ने JNU से DU की तुलना पर साफ कर दिया है कि दोनों की अपनी अलग पहचान है। उन्होंने DU के बुनियादी ढांचे के विकास, नए कॉलेजों और 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर भी बात की।

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) दोनों ही देश की बेहद प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ हैं, जिनकी चर्चा सिर्फ भारत ही नहीं, विदेशों में भी होती है। इन दोनों ही संस्थानों में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भी पढ़ाई करते हैं। अक्सर लोग डीयू की तुलना जेएनयू से करते पाए जाते हैं। इसी मुद्दे पर डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने बीते मंगलवार (3 जून) को दिए एक इंटरव्यू में खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने साफ कहा, "जेएनयू एक अलग विश्वविद्यालय है, जिसकी अपनी पहचान और संस्कृति है। हम डीयू हैं और हमारा अपना अलग चरित्र है। कोई तुलना नहीं है और जेएनयू जैसा बनने का कोई इरादा नहीं है।"
प्रोफेसर योगेश सिंह ने इस इंटरव्यू में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बात की, जिनमें शैक्षणिक पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। उन्होंने खुलासा किया कि फिलहाल लगभग 2,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रगति पर हैं। साथ ही उन्होंने अगले दशक में दिल्ली यूनिवर्सिटी को दुनियाभर के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शुमार होते देखने की अपनी इच्छा भी जाहिर की। उन्होंने बताया कि डीयू की स्थापना को 100 साल से ज़्यादा का समय बीत चुका है और स्वाभाविक रूप से बुनियादी ढांचे का अधिकांश हिस्सा पुराना हो गया है। 21वीं सदी की मांगों को पूरा करने के लिए हमें नई और आधुनिक सुविधाओं की ज़रूरत है, और सरकार इसमें हमारा पूरा सहयोग कर रही है।
दो नए कॉलेज जल्द होंगे शुरू
डीयू कुलपति ने नए कॉलेज स्थापित किए जाने के सवाल पर जवाब देते हुए बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में दो नए कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें से एक नजफगढ़ में वीर सावरकर कॉलेज और दूसरा फतेहपुर बेरी में होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि ये कॉलेज जल्द ही चालू हो जाएंगे और अगले एक या दो साल में दिल्ली यूनिवर्सिटी के बुनियादी ढांचे में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
'ऑपरेशन सिंदूर' और पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के इंटरव्यू में प्रोफेसर योगेश सिंह से यह भी पूछा गया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारतीय सेना के साहस को दर्शाया है, क्या इसे डीयू के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी कोई निश्चित बयान देना जल्दबाजी होगी, लेकिन "ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय गौरव, देश के प्रति प्रेम, हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और हमारे नेतृत्व की बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधित्व करता है। इन चीजों को पाठ्यक्रम में जगह मिलनी चाहिए।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और देशभक्ति उच्च शिक्षा में केंद्रीय विषय होने चाहिए।
DU से पढ़कर निकली हैं दिल्ली की CM और PM
दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पढ़ी हैं। इस पर अपनी बात रखते हुए डीयू कुलपति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय 100 साल पुराना है और इसने अनगिनत छात्रों के जीवन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। "हमें गर्व है कि वर्तमान मुख्यमंत्री हमारी पूर्व छात्रा हैं। हमें इस बात पर भी गर्व है कि प्रधानमंत्री ने भी यहीं से पढ़ाई की है।"
यह बयान डीयू के कुलपति के उस स्पष्ट दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें वह यूनिवर्सिटी के विकास, स्वायत्त पहचान और राष्ट्रीय मूल्यों को शिक्षा से जोड़ने के महत्व पर जोर दे रहे हैं।