गोरखपुर के कुख्यात अपराधी चंदन सिंह को उम्रकैद: 45 मुकदमों में शामिल 'टॉप 10' माफिया को दिवाली हत्या मामले में सज़ा
गोरखपुर के कुख्यात 'टॉप 10' अपराधी चंदन सिंह को डोहरिया बाजार में दिवाली पर हत्या के मामले में आजीवन कारावास और ₹50 हज़ार जुर्माने की सजा सुनाई गई है। उस पर 45 मुकदमे दर्ज हैं।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चिलुआताल थाना क्षेत्र के कुशहरा निवासी कुख्यात और 'टॉप 10' अपराधियों में शामिल चंदन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अब उसे अपनी पूरी उम्र जेल में काटनी होगी। गोरखपुर कोर्ट ने चंदन सिंह को 50 हजार रुपये के जुर्माने के साथ यह सजा सुनाई। यह सजा चिलुआताल थाना क्षेत्र के डोहरिया बाजार में दिवाली के दिन सरेआम गोली मारकर हत्या करने के मामले में दी गई है।
गौतमबुद्धनगर जेल में काट रहा है सजा
चंदन सिंह वर्तमान में गौतमबुद्धनगर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र दुबे और अतुल शुक्ला की कुशल पैरवी पर अपर सत्र न्यायाधीश अवनीश कुमार राय की कोर्ट ने चंदन सिंह को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और ₹50 हज़ार का जुर्माना लगाया।
चंदन सिंह पर दर्ज हैं 45 मुकदमे
कुख्यात माफिया चंदन सिंह गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के कुशहरा का रहने वाला है। उस पर हत्या और हत्या की कोशिश सहित कुल 45 केस दर्ज हैं। चंदन सिंह रंगदारी मांगने और रंगदारी न देने पर हत्या करने के लिए कुख्यात रहा है। उस पर जेल में रहने के बावजूद रंगदारी मांगने का भी आरोप है। चंदन सिंह पर 6 हत्या, 8 हत्या की कोशिश, रंगदारी और लूट सहित कुल 45 मुकदमे दर्ज हैं।
रंगदारी न देने पर फायरिंग के लिए कुख्यात
कुख्यात अपराधी चंदन सिंह और उसके गुर्गे 2010 में रंगदारी न देने वालों के यहां फायरिंग कर देते थे। चंदन सिंह और उसके गैंग पर कार एजेंसी मालिक, तीन डॉक्टर, कोचिंग सेंटर संचालक, नगर पंचायत अध्यक्ष, गोरखपुर के दो बड़े व्यापारी सहित कई लोगों से रंगदारी मांगने का आरोप है। चंदन सिंह को रंगदारी मांगने के मामले में 6 और 7 साल की सजा पहले ही हो चुकी है। उसे इंजीनियर और ठेकेदार से रंगदारी मांगने के मामले में भी पहले ही सजा हो चुकी है।
दिवाली हत्याकांड में मिली उम्रकैद
13 नवंबर 2012 को चिलुआताल थाना क्षेत्र के डोहरिया बाजार में चंदन सिंह ने दिवाली के दिन दोपहर में सरेआम संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र दुबे और अतुल शुक्ला की पैरवी पर अपर सत्र न्यायाधीश अवनीश कुमार राय की कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा के साथ ₹50 हजार का जुर्माना लगाया है।
दो बार पुलिस कस्टडी से हो चुका है फरार
चंदन सिंह का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है। गोरखपुर के भगत चौराहे पर व्यापारी तारक जायसवाल पर रंगदारी का विरोध करने पर उसकी दुकान पर चंदन सिंह के साथियों ने गोली चलाई थी। उसके साथियों ने दूसरी दुकान पर फायरिंग कर टेंपो चालक समेत दो लोगों की जान ले ली थी। उरुवा बाजार में एक दुकान पर अधिवक्ता श्रीमंत लाल श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या भी की थी। चंदन सिंह दो बार पुलिस कस्टडी से चकमा देकर फरार भी हो चुका है। चंदन सिंह के गैंग में 18 सदस्य हैं, जिसमें उसका भाई नंदन भी शामिल है। यह सजा गोरखपुर में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।