देश में फिर बढ़ी कोरोना की चिंता, 8 राज्यों में 100 से ज्यादा सक्रिय मामले, JN.1 वैरिएंट का खतरा

भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जिससे चिंता बढ़ गई है। देशभर में सक्रिय मरीजों की संख्या 3300 के पार पहुंच गई है और 8 राज्यों में 100 से अधिक सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट JN.1 के प्रसार को लेकर विशेषज्ञ सतर्क हैं।

देश में फिर बढ़ी कोरोना की चिंता, 8 राज्यों में 100 से ज्यादा सक्रिय मामले, JN.1 वैरिएंट का खतरा
देश में कोरोना वायरस के मामलों ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है

देश में कोरोना वायरस की एक और लहर की आशंका गहराने लगी है, क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों में संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल आया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 3300 के पार पहुंच गई है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारें भी अलर्ट मोड में आ गई हैं। चिंता की बात यह है कि देश के 8 राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 100 के आंकड़े को पार कर गई है, और कुछ राज्यों में मौतें भी दर्ज की गई हैं।

पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण चार और लोगों की मौत हुई है। इससे एक दिन पहले सात मौतें दर्ज की गई थीं। ये मौतें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और केरल में एक-एक हुईं। 1 जनवरी, 2025 से लेकर अब तक भारत में कोविड-19 से संबंधित कुल 26 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, इस दौरान 1435 लोग इलाज के बाद ठीक भी हुए हैं, लेकिन लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं। यही कारण है कि कई राज्यों ने कोरोना वायरस को लेकर एहतियात बरतने की सलाह जारी की है और लोगों से कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, केरल, दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं जहां 100 से अधिक सक्रिय कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं। इन राज्यों में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। देशभर में अब कुल 8 राज्य ऐसे हैं जहां सक्रिय मामलों की संख्या 100 से अधिक है, जिससे संक्रमण का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है।

ये हैं वो 8 राज्य जहां 100 से अधिक सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं:

  • दिल्ली: 375 मामले
  • गुजरात: 265 मामले
  • कर्नाटक: 234 मामले
  • केरल: 1336 मामले
  • महाराष्ट्र: 467 मामले
  • तमिलनाडु: 185 मामले
  • पश्चिम बंगाल: 205 मामले
  • उत्तर प्रदेश: 117 मामले

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि केरल में सबसे अधिक सक्रिय मामले हैं, जो देश के कुल सक्रिय मामलों का लगभग 40% हिस्सा है। इसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात में भी कोरोना के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट JN.1 का प्रसार:

विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट JN.1, जो सबसे पहले केरल में पाया गया था, अब धीरे-धीरे अन्य राज्यों में भी फैल रहा है। इस नए वैरिएंट के प्रसार के कारण संक्रमण दर में वृद्धि हो रही है, और इसी वजह से स्वास्थ्य अधिकारियों को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह भी माना जा रहा है कि कोरोना का यह JN.1 वैरिएंट पहले के अन्य वायरसों की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है, जिसके कारण मरीजों की संख्या में यह तेज उछाल देखने को मिल रहा है।

कर्नाटक सरकार ने छात्रों के लिए जारी की एडवाइजरी:

राज्य में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और स्कूलों के फिर से खुलने को ध्यान में रखते हुए, कर्नाटक सरकार ने अभिभावकों से एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। सरकार ने कहा है कि यदि उनके बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और कोरोना के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें स्कूल न भेजें। शुक्रवार देर रात जारी किए गए एक सर्कुलर में समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से यह जानकारी दी गई है। सर्कुलर में कहा गया है कि यदि स्कूली बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण पाए जाते हैं, तो बच्चों को स्कूल न भेजें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उनका उचित उपचार और देखभाल करें।

स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि यदि कोई बच्चा बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षणों के साथ स्कूल आता है, तो तुरंत उसके माता-पिता को सूचित करें और उसे घर वापस भेज दें। विभाग ने स्कूल के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से भी अपील की है कि यदि उनमें भी ऐसे लक्षण पाए जाते हैं, तो वे उचित एहतियाती उपाय अपनाएं।

आम लोगों के लिए क्या करें:

  • मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  • हल्के लक्षणों को भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • यदि आपने अभी तक वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं लगवाई है, तो उसे समय पर लगवाएं।

केंद्र सरकार पूरी तरह तैयार:

बढ़ते कोविड-19 मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को देशवासियों को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मंत्री जाधव ने कहा कि उनका केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क है और वे सभी राज्यों में कोविड की स्थिति पर लगातार बारीकी से नजर रख रहे हैं।

मंत्री जाधव ने यह भी बताया कि सरकार ने पिछली कोविड लहरों से मिले अनुभवों के आधार पर अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश में पहले से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू बेड और अन्य आवश्यक बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे की समीक्षा कर ली गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी स्वास्थ्य प्रणालियां पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी उभरती हुई स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम हैं।

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सचिवों, आयुष सचिवों और संबंधित मंत्रियों के साथ भी विस्तृत बातचीत की है। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी संभावित स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल बना रहे।