New Delhi : कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं, सिर्फ PoK सौंपने पर पाक से होगी बात: भारत
भारत का स्पष्ट रुख, कश्मीर पर कोई मध्यस्थता मंजूर नहीं। पाकिस्तान से सिर्फ PoK सौंपने पर होगी बात, आतंकवादियों को सौंपने पर भी बातचीत संभव।

नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर अपना स्पष्ट और दृढ़ रुख दोहराया है। भारत ने साफ तौर पर कहा है कि कश्मीर के मुद्दे पर उसका रुख सुस्पष्ट है और वह किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपना चाहता है, तो बातचीत के दरवाजे खुले हैं। इसके साथ ही, भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ केवल पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस करने के मुद्दे पर ही बातचीत की जा सकती है।
भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि इसके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही भारत किसी भी देश या संगठन की मध्यस्थता चाहता है। यह बयान भारत की लंबे समय से चली आ रही नीति को दर्शाता है, जिसमें कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया गया है और इसे द्विपक्षीय मुद्दा माना गया है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
भारत का यह कड़ा रुख ऐसे समय में आया है जब सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और पाकिस्तान की ओर से लगातार उकसावे की कार्रवाई जारी है। भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मुख्य बातें:
- भारत का कश्मीर मुद्दे पर रुख साफ है।
- किसी भी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी स्वीकार नहीं है।
- पाकिस्तान यदि आतंकवादियों को सौंपता है तो बातचीत संभव है।
- सिर्फ PoK को वापस करने के मुद्दे पर ही बातचीत होगी।
- किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत की गुंजाइश नहीं है।
- भारत किसी की मध्यस्थता नहीं चाहता।
भारत के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन उसकी शर्तें बिल्कुल स्पष्ट हैं और कश्मीर पर किसी भी प्रकार का समझौता या तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा।