Kashi Vishwanath tample : काशी विश्वनाथ से सौगात महिलाओं के हाथों से सजेगा बाबा का 'एकादश उपहार'
काशी विश्वनाथ मंदिर में अब महिला स्वयं सहायता समूह 'एकादश उपहार' तैयार करेंगी, जिसमें 11 तरह के अनूठे प्रसाद और पूजन सामग्रियां शामिल होंगी। यह पहल स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ भक्तों को काशी की प्रामाणिक दिव्य सामग्री का अनुभव कराएगी।

kashi vishwanath tample : अब बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले भक्त और पर्यटक एक खास उपहार अपने साथ ले जा सकेंगे। काशी की कर्मठ महिलाओं के स्वयं सहायता समूह ने एक अनूठी पहल की है। ये महिलाएं मिलकर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के लिए विशेष 'एकादश उपहार' तैयार करेंगी। इस दिव्य उपहार में 11 तरह के अनूठे प्रसाद और पूजन सामग्रियां शामिल होंगी, जो काशी की पवित्रता और स्थानीय संस्कृति की झलक पेश करेंगी।
ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त (स्वतः रोजगार) पवन कुमार सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक अभिनव परियोजना है, जिस पर महिला स्वयं सहायता समूह उत्साह से काम कर रही हैं। भगवान शिव को प्रिय विभिन्न प्रकार के प्रसाद, जैसे कि स्थानीय मिठाई या कोई विशेष भोग, के साथ-साथ शिवलिंग और रुद्राक्ष की माला जैसी 11 महत्वपूर्ण सामग्रियों को इस 'एकादश उपहार' में शामिल किया जाएगा।
सबसे खास बात यह है कि इन उपहारों की आकर्षक पैकिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह न केवल भक्तों को लुभाएगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी काशी की एक सुंदर स्मृति के रूप में काम करेगा। इसे खरीदकर वे अपने साथ काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की एक प्रामाणिक पहचान ले जा सकेंगे। इस प्रयास से स्थानीय पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
उपायुक्त पवन कुमार सिंह ने यह भी बताया कि इस परियोजना से लगभग 100 स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी और अपने परिवारों की आर्थिक रूप से मदद कर सकेंगी। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 'एकादश उपहार' की सामग्री और इसे बेचने के लिए उपयुक्त स्थानों पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है, लेकिन इसे जल्द ही बाजार में लाने की तैयारी पूरी जोर-शोर से है।
जानिए, क्या-क्या होगा इस खास 'एकादश उपहार' में:
- शिवलिंग: बाबा विश्वनाथ का प्रतीक
- श्रीयंत्र: माता लक्ष्मी का यंत्र, समृद्धि का प्रतीक
- धूपबत्ती: वातावरण को शुद्ध और सुगंधित करने वाली
- अगरबत्ती: पूजा और ध्यान के लिए
- रोली: तिलक लगाने के लिए, शुभता का प्रतीक
- अक्षत: पूजा में अर्पित किए जाने वाले साबुत चावल
- रुद्राक्ष की माला: जप और धारण करने के लिए पवित्र मनका
- बाबा को चढ़ा हुआ भस्म: पवित्र राख
- गंगाजल: पवित्र नदी का जल
- भगवान शिव को अर्पित चंदन: शीतलता और शांति का प्रतीक
- स्थानीय रूप से तैयार कोई विशेष प्रसाद या मिठाई: काशी की पारंपरिक मिठास
यह 'एकादश उपहार' न केवल भक्तों को बाबा विश्वनाथ के पूजन की सभी आवश्यक सामग्रियां एक साथ उपलब्ध कराएगा, बल्कि यह काशी की महिलाओं की मेहनत और हुनर का भी प्रतीक बनेगा। यह पहल निश्चित रूप से काशी आने वाले हर श्रद्धालु और पर्यटक के अनुभव को और भी यादगार बना देगी।