ऑपरेशन सिंदूर: 23 साल बाद मिला इंसाफ! पत्रकार डेनियल पर्ल के किडनैपर का भारत ने किया खात्मा
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने 23 साल पुराने पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का बदला ले लिया। जैश कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर मारा गया। जानें पूरी कहानी।

ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का भाई मारा गया, जो पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल था
नई दिल्ली: तारीख थी 6 मई, 2025... भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान गरजते हुए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसे और आतंकियों के ठिकानों को पल भर में मलबे में तब्दील कर दिया। कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकियों से बदला लेने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया और लगभग 100 आतंकवादियों को नरक पहुंचा दिया। इस साहसिक कार्रवाई का मकसद पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों को जड़ से उखाड़ फेंकना था, लेकिन इस ऑपरेशन ने एक 23 साल पुराने घाव पर भी मरहम लगाया और एक पत्रकार को आखिरकार इंसाफ दिलाया।
खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के इस अचूक हमले में मारे गए 100 आतंकवादियों में कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई और इसी संगठन का खूंखार कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था। यही अब्दुल रऊफ अजहर 2002 में अमेरिकी-यहूदी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और उनकी निर्मम हत्या का मुख्य साजिशकर्ता था।
डेनियल पर्ल: सच की आवाज जिसे खामोश कर दिया गया:
डेनियल पर्ल 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' के एक साहसी पत्रकार थे। वह पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों के बीच गहरे गठजोड़ की सच्चाई को दुनिया के सामने लाने के लिए खतरनाक तहकीकात कर रहे थे। इसी दौरान जनवरी 2002 में पाकिस्तान के कराची शहर में उनका अपहरण कर लिया गया। एक महीने बाद, पूरी दुनिया को झकझोर देने वाला उनका सिर कलम करने का एक वीभत्स वीडियो सामने आया। इस जघन्य अपहरण और हत्या का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि उमर सईद शेख नामक एक कुख्यात आतंकी था।
यह वही उमर सईद शेख था जिसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद यात्रियों की जान बचाने के बदले भारत सरकार ने रिहा किया था। और इस विमान हाईजैक की साजिश रचने वाला अब्दुल रऊफ अजहर ही था। डेनियल पर्ल को इंसाफ के लिए पूरे 23 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। आखिरकार, भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में अब्दुल रऊफ अजहर का सफाया कर डेनियल पर्ल की आत्मा को शांति और उनके परिवार को न्याय दिलाया।
'भारत को धन्यवाद, बदला ले लिया गया...':
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी एक्टिविस्ट एमी मेक ने अब्दुल रऊफ अजहर की मौत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारत ने अमेरिकी-यहूदी पत्रकार डेनियल पर्ल की क्रूरता से की गई हत्या का बदला ले लिया है। रऊफ ही डेनियल पर्ल की हत्या की घिनौनी साजिश का मुख्य सूत्रधार था। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ों पर हमला कर उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। उन्होंने भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि पश्चिम देशों को इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख से सीख लेनी चाहिए।
जैश का गढ़ 'मरकज सुभान अल्लाह' हुआ नेस्तनाबूत:
भारतीय वायुसेना ने 6 मई की आधी रात को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एक साथ हवाई हमले किए। इन ठिकानों में बहावलपुर स्थित 'मरकज सुभान अल्लाह' मदरसा भी शामिल था, जो जैश-ए-मोहम्मद का एक मजबूत गढ़ माना जाता था। इसी मदरसे में आतंकवादियों को हथियार चलाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की ट्रेनिंग दी जाती थी। रऊफ अजहर इसी मदरसे पर हुए सटीक हमले में मारा गया।
मसूद अजहर के परिवार के भी 10 सदस्य मारे गए:
भारत के इस निर्णायक हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के भी 10 सदस्यों के मारे जाने की खबर है। इनमें उसकी बहन और बहनोई भी शामिल हैं। खुद मसूद अजहर ने इन मौतों की पुष्टि की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिसमें लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की यह कार्रवाई किसी भी देश या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सिर्फ उन मानवता के दुश्मनों के खिलाफ है जो आतंक फैलाकर निर्दोषों की जान लेते हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' न केवल पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प और न्याय के प्रति अटूट विश्वास का भी प्रमाण है। 23 साल पुराने एक पत्रकार के अपहरण और हत्या का बदला लेकर भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह न तो अत्याचार भूलेगा और न ही अत्याचारियों को बख्शेगा।