Pahalgam आतंकी हमला: पाकिस्तान की धरती से आया लश्कर आतंकी हाशिम मूसा, पूर्व SSG कमांडो निकला मास्टरमाइंड

पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान सेना का पूर्व SSG कमांडो हाशिम मूसा निकला, जिसे लश्कर-ए-तैयबा ने भारत में विशेष मिशन पर भेजा था। हमले के बाद पीएम मोदी ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

Pahalgam आतंकी हमला: पाकिस्तान की धरती से आया लश्कर आतंकी हाशिम मूसा, पूर्व SSG कमांडो निकला मास्टरमाइंड

वाराणसी/नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की सच्चाई को उजागर कर दिया है। इस हमले में निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया। अब खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों की जांच में इस आतंकी हमले का मुख्य मास्टरमाइंड हाशिम मूसा के रूप में नाम सामने आया है, जो पाकिस्तान का नागरिक है और पाकिस्तान सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में पैरा-कमांडो रह चुका है।

माना जा रहा है कि हाशिम मूसा को लश्कर-ए-तैयबा ने विशेष रूप से गैर-कश्मीरियों और सुरक्षाबलों पर हमले करने के मिशन पर भेजा था। यह खुलासा सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा संकेत है कि पाकिस्तान आतंकवाद को न केवल बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अपनी सेना के प्रशिक्षित जवानों को भी आतंकवादी संगठनों के लिए सौंप रहा है।


मास्टरमाइंड हाशिम मूसा: एक खतरनाक साजिश का चेहरा

सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले में जिन तीन आतंकियों के स्कैच जारी किए गए थे, उनमें से एक की पहचान हाशिम मूसा के रूप में हुई है। यह वही आतंकी है जिसने हमले के दौरान निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं।

जांच में सामने आया है कि मूसा पहले पाकिस्तान सेना में स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का हिस्सा था। SSG को पाकिस्तान की सबसे खतरनाक और गुप्त सैन्य इकाई माना जाता है। ये कमांडो विशेष रूप से गुप्त ऑपरेशनों, आतंकवाद और असामान्य युद्ध के लिए प्रशिक्षित होते हैं।


लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंक का नेटवर्क

हाशिम मूसा वर्तमान में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है, जो पाकिस्तान स्थित एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है और भारत में कई बड़े हमलों में इसकी भूमिका रही है — चाहे वह 26/11 मुंबई हमला हो या पुलवामा। मूसा को लश्कर के आकाओं ने एक विशेष मिशन पर भेजा था, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में शांति प्रक्रिया और चुनावों के माहौल को अस्थिर करना था।

माना जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मिलीभगत से यह साजिश रची गई और मूसा जैसे प्रशिक्षित पूर्व सैन्य अधिकारी को सीमा पार भेजा गया।


SSG: पाकिस्तानी सेना का खतरनाक चेहरा

SSG यानी Special Services Group पाकिस्तान की एक विशेष सैन्य इकाई है जो गुप्त अभियानों, आतंकवाद विरोधी मिशनों और विशेष ऑपरेशनों में विशेषज्ञ होती है। इन कमांडोज को मानसिक, शारीरिक, और सामरिक स्तर पर इतनी ट्रेनिंग दी जाती है कि वे किसी भी हालात में घातक हमला कर सकें।

  • ये कमांडो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।

  • उन्हें विषम परिस्थिति में जीवित रहने की गहन ट्रेनिंग मिलती है।

  • वे दुश्मन के इलाके में घुसकर हमले करने में दक्ष होते हैं।

ऐसे कमांडो को आतंकी संगठन के लिए देना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अब सीधे तौर पर आतंकवाद को अपनी सैन्य ताकत से समर्थन दे रहा है।


हमले के स्कैच और खुफिया इनपुट्स से हुआ खुलासा

हमले के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जिन तीन आतंकियों के स्कैच जारी किए थे, उनमें से एक की पहचान हाशिम मूसा के रूप में हुई। उसके चेहरे, शरीर की बनावट और चाल-ढाल को विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि वह पेशेवर सैन्य ट्रेनिंग प्राप्त व्यक्ति है।

इसके अलावा, खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान से मूसा की ट्रेनिंग, लश्कर से संपर्क और सीमा पार गतिविधियों से संबंधित पुख्ता जानकारी मिली है। उसके भारत में घुसपैठ के रास्ते, संपर्क सूत्र, हथियार आपूर्ति चैनल — सब की जांच की जा रही है।


???????? भारत का कड़ा रुख: “आतंकियों को धरती के आखिरी कोने से भी खोज निकालेंगे”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जिसमें NSA अजीत डोभाल, CDS, सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों ने भाग लिया। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि,
"हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उनके आकाओं को धरती के आखिरी कोने तक भी खोजकर सबसे सख्त सजा दी जाएगी।"

इसके अलावा, कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए:

  1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया।

  2. अटारी बॉर्डर से व्यापार और आवाजाही बंद की गई।

  3. सार्क वीजा सुविधा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में प्रवेश पर रोक।

  4. पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत सैन्य सलाहकारों को देश छोड़ने का आदेश।

  5. भारत की सीमा सुरक्षा और काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन्स को और सुदृढ़ करने के लिए विशेष फंड जारी।


क्या संकेत दे रही है ये साजिश?

यह हमला न केवल जम्मू-कश्मीर की स्थिरता को चुनौती देने की कोशिश थी, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी निशाना बनाने की साजिश थी। हमले का समय भी सोच-समझकर चुना गया — जब राज्य में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और आर्थिक गतिविधियां तेज़ हो रही थीं।

यह दर्शाता है कि पाकिस्तान का उद्देश्य केवल आतंकी हमले करना नहीं है, बल्कि भारत के आंतरिक मामलों में बाधा उत्पन्न करना और कश्मीर को एक अस्थिर क्षेत्र बनाए रखना है।


निष्कर्ष: आतंक का असली चेहरा दुनिया के सामने

हाशिम मूसा जैसे पूर्व पैरा-कमांडो का आतंक की राह पकड़ना और पाकिस्तान द्वारा उसे भारत में भेजना यह साफ दर्शाता है कि अब आतंकवाद एक राजनीतिक औजार बन चुका है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर रहा है। लेकिन भारत की एजेंसियां और सरकार इस बार पहले से ज्यादा सतर्क और कठोर कार्रवाई के मूड में हैं।

देशवासी भी एकजुट होकर सरकार के साथ खड़े हैं और मांग कर रहे हैं कि ऐसे हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए ताकि भविष्य में कोई मूसा भारत की सरजमीं पर कदम न रख सके।