Ukraine-America Mineral Deal: यूक्रेन-अमेरिका के बीच ऐतिहासिक खनिज सौदा तय, लिथियम और यूरेनियम से आर्थिक मोर्चे पर आएगा नया बदलाव

यूक्रेन और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक खनिज सौदा तय, लिथियम, टाइटेनियम और यूरेनियम खनन में साथ मिलकर करेंगे काम। यूक्रेन को आर्थिक मजबूती और अमेरिका को खनिज आत्मनिर्भरता।

Apr 30, 2025 - 21:07
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Ukraine-America Mineral Deal: यूक्रेन-अमेरिका के बीच ऐतिहासिक खनिज सौदा तय, लिथियम और यूरेनियम से आर्थिक मोर्चे पर आएगा नया बदलाव

कीव/वॉशिंगटन। युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन को अब अमेरिका का साथ मिलने जा रहा है — लेकिन इस बार हथियार नहीं, खनिज संसाधनों के रूप में। यूक्रेन और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक खनिज संसाधन समझौते पर हस्ताक्षर होने की तैयारी अंतिम चरण में है। इस डील से एक ओर जहां यूक्रेन की कमजोर होती अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर अमेरिका को महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी।

यूक्रेन के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी दी कि देश की आर्थिक मंत्री यूलिया स्विरीडेंको इस समय वॉशिंगटन में हैं। वे इस बहुप्रतीक्षित सौदे के तकनीकी बिंदुओं को अंतिम रूप दे रही हैं। माना जा रहा है कि यूक्रेनी कैबिनेट इस समझौते के मसौदे को जल्द ही मंजूरी दे देगी, जिसके बाद एक अधिकृत प्रतिनिधि इस पर हस्ताक्षर करेगा। इसके बाद यह डील यूक्रेनी संसद से पारित होकर औपचारिक रूप से लागू होगी।

क्या है खनिज संसाधन समझौता?

इस समझौते के अंतर्गत दोनों देश संयुक्त निवेश कर यूक्रेन की भूमि में छिपे महत्वपूर्ण खनिजों का दोहन करेंगे। यूक्रेन की जमीन में लिथियम, टाइटेनियम, यूरेनियम जैसे बहुमूल्य खनिज पाए जाते हैं जो आधुनिक तकनीक, बैटरी, हवाई जहाज और परमाणु ऊर्जा उत्पादन में जरूरी होते हैं।

समझौते के मसौदे के अनुसार, इन खनिजों को खोजने और निकालने के लिए एक साझा पूंजी निवेश योजना बनाई गई है। अमेरिका को इससे वैश्विक खनिज बाजार में चीन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, यूक्रेन को विदेशी पूंजी, नई नौकरियों और तकनीकी सहयोग के जरिए आर्थिक संबल प्राप्त होगा।

आर्थिक और रणनीतिक लाभ

यूक्रेन के लिए यह सौदा एक रणनीतिक आर्थिक मोर्चा साबित हो सकता है। रूस के साथ जारी युद्ध के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस समझौते से उसे पुनर्निर्माण और निवेश का एक नया जरिया मिलेगा।

दूसरी ओर अमेरिका के लिए यह डील चीन के विकल्प के रूप में देखी जा रही है। चीन वर्तमान में वैश्विक स्तर पर लिथियम और दुर्लभ खनिजों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। इस निर्भरता को खत्म करने की दिशा में यह सौदा एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

विशेषज्ञों की राय

वैश्विक रणनीतिक विशेषज्ञ इस समझौते को केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक रणनीति के रूप में भी देख रहे हैं। यह डील न केवल यूक्रेन-अमेरिका रिश्तों को मजबूती देगी, बल्कि यूरोप में स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा को भी नया आयाम दे सकती है।

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