वाराणसी: 'काशी' के नाम पर धोखा! विहिप-बजरंग दल का आंदोलन की चेतावनी
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने वाराणसी में हिन्दू नामों से चल रहे मुस्लिम स्वामित्व वाले होटलों के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। आरोप है कि ये होटल श्रद्धालुओं को भ्रमित कर रहे हैं।

वाराणसी, शनिवार, 17 मई 2025। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने वाराणसी में उन होटलों और रेस्टोरेंटों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जो कथित तौर पर हिन्दू नामों का इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं को भ्रमित कर रहे हैं। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन और संबंधित विभाग ऐसे प्रतिष्ठानों की पहचान कर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
विहिप और बजरंग दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर कई ऐसे होटल और रेस्टोरेंट चल रहे हैं, जिनके मालिक, बावर्ची और नौकर मुस्लिम हैं, लेकिन उन्होंने अपने प्रतिष्ठानों के नाम हिन्दू रखे हैं और यहां तक कि भगवान की तस्वीरें भी लगा रखी हैं। संगठन का कहना है कि ऐसा करके ये लोग काशी धाम आने वाले श्रद्धालुओं को भ्रमित कर रहे हैं।
विहिप का आरोप है कि इस मामले की सूचना पहले भी प्रशासन को दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। संगठन ने एलआईयू (स्थानीय खुफिया इकाई) और खाद्य विभाग से ऐसे लोगों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।
विहिप नेता विनय पांडे ने कहा कि गिरजाघर, नई सड़क और लक्सा जैसे क्षेत्रों में कई ऐसे होटल और रेस्टोरेंट हैं, जिनके मुस्लिम मालिक और कर्मचारी होने के बावजूद उन्होंने हिन्दू नाम रखे हैं और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह तीर्थ स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं का धर्म भ्रष्ट करने का प्रयास है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विहिप ने मुख्यमंत्री के उस आदेश का हवाला भी दिया, जिसमें उन्होंने पहचान छुपाकर ऐसा काम करने वालों पर नकेल कसने के निर्देश दिए थे। संगठन का कहना है कि इसके बावजूद प्रशासन इस मामले में ढिलाई बरत रहा है।
विहिप और बजरंग दल ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि प्रशासन और संबंधित विभाग जल्द ही इन कथित फर्जी हिन्दू नामों वाले होटलों और रेस्टोरेंटों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं, तो वे सड़कों पर उतरकर व्यापक आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस चेतावनी के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या कोई कार्रवाई करता है। फिलहाल, इस मुद्दे ने वाराणसी में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।