नोएडा पुलिस ने 10 साल बाद परिवार से मिलाया लापता बेटा, फिल्मी कहानी हुई सच
नोएडा पुलिस ने एक परिवार को 10 साल बाद उनके लापता बेटे से मिलाया है। 2015 में लापता हुआ बच्चा फरीदाबाद में मिला, जिसके बाद पुलिस की 6 घंटे की मेहनत से उसकी पहचान हुई और मां-बाप का मिलन हुआ।

यह कहानी किसी फिल्म की तरह लग सकती है, लेकिन यह पूरी तरह हकीकत है। नोएडा पुलिस ने एक परिवार को दस साल बाद उनका लापता बेटा वापस लौटाकर खुशियां दी हैं। 10 साल बाद अपने बेटे को गले लगाकर मां की आंखें नम हो गईं। आइए जानते हैं इस पूरी कहानी के बारे में।
2015 में लापता हुआ था मासूम
दरअसल, दस साल पहले, 6 नवंबर 2015 को, एक सात साल का मासूम सेंट्रल नोएडा के फेस-2 के गांव गेझा में अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था, लेकिन अचानक वह लापता हो गया। परिवार ने दो दिनों तक बच्चे को बहुत तलाशा, लेकिन जब वह नहीं मिला तो 8 नवंबर को थाना फेस-2 में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस लापता बच्चे को तलाशने में जुट गई, लेकिन साल बीतते गए और मासूम का कोई सुराग नहीं मिला।
2020 में पुलिस ने लगा दी थी 'अंतिम रिपोर्ट'
मासूम के मां-बाप ने पहले दो-तीन साल तक थाने के चक्कर काटे, लेकिन फिर धीरे-धीरे उनकी भी उम्मीद टूटती गई। उधर, पुलिस भी तमाम कोशिशों के बाद मासूम को नहीं तलाश पाई तो साल 2020 में इस मामले में अंतिम रिपोर्ट (Final Report) पेश कर दी। मासूम के माता-पिता घटना के बाद गांव लौट गए थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। दस साल बाद मां-बाप को उनका बेटा वापस मिल गया।
ऐसे हुई बच्चे की तलाश
बीती 28 मई को सूरजकुंड, फरीदाबाद (हरियाणा) में अपहरण की एक शिकायत दर्ज कराई गई। फिर 2 जून को सूरजकुंड पुलिस ने मामले में आरोपी मंगल कुमार को पकड़ा और उसके पास पुलिस को एक बच्चा मिला। पूछताछ में मंगल ने चौंकाने वाली बात बताई। उसने बताया कि उसके पास एक और बच्चा है, और वह उस बच्चे को नोएडा से लाया था।
नोएडा पुलिस की 6 घंटे की कड़ी मेहनत
आरोपी ने बताया कि उसने नोएडा से लाए बच्चे का नाम बदल दिया था, ताकि उसकी पहचान न हो सके। यह जानकारी फरीदाबाद से थाना फेस-2 पुलिस तक पहुंची, लेकिन बच्चे का नाम बदलने के कारण उसकी पहचान करना मुश्किल था। तब भी नोएडा पुलिस ने कागजों में जानकारी तलाशनी शुरू की, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके बाद बच्चे को थाने बुलाया गया।
पुलिस ने बच्चे को बहलाया-फुसलाया, तब उसने अपने नाम बदलने की बात बताई। इसके बाद पुलिस ने 10 साल के पुराने क्राइम रिकॉर्ड, याददाश्त और गुमशुदा रजिस्टर के पन्ने पलटने शुरू किए। पुलिस ने छह घंटे कड़ी मेहनत की। इसके बाद यह पता चला कि यह वही बच्चा है, जिसकी गुमशुदगी की शिकायत साल 2015 में दर्ज कराई गई थी। बच्चे को अपने माता-पिता का नाम याद था।
10 साल बाद मिलन का भावुक पल
पुलिस ने एफआईआर खोली तो उसमें जो फोन नंबर था, वह बच्चे के पिता के दोस्त का था। पुलिस ने उस नंबर पर संपर्क किया तो पता चला कि बच्चे के मां-बाप मैनपुरी में रहते हैं। फिर पुलिस ने उनसे नंबर लेकर मां-बाप को उनके बेटे के मिलने की बात बताई। पुलिस द्वारा शारीरिक पहचान पूछने पर मां ने बेटे के दाएं हाथ की कटी उंगली और बांयी आंख के नीचे निशान होने की बात बताई। इन निशानों की पुष्टि हो गई।
इसके बाद मां-बाप ने सबसे पहले अपने बड़े बेटे, चाची और जीजा को नोएडा भेजा। उन्होंने थाने में बच्चे को देखते ही पहचान लिया। जल्द ही मैनपुरी में रह रहे माता-पिता भी नोएडा पहुंचे। फिर आया 10 साल की जुदाई के बाद मिलन का पल, जिसने सभी को भावुक कर दिया। नोएडा पुलिस के इस प्रयास ने एक परिवार को ऐसी खुशी दी, जिसकी उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी।