अपरा एकादशी 2025: दुर्लभ संयोग! एक साथ 4 शुभ योगों में करें विष्णु की पूजा, मिलेगा अक्षय पुण्य!

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी 23 मई 2025 को है, जिस दिन 4 शुभ योगों का अद्भुत संयोग बन रहा है। जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व!

अपरा एकादशी 2025: दुर्लभ संयोग! एक साथ 4 शुभ योगों में करें विष्णु की पूजा, मिलेगा अक्षय पुण्य!

हिंदू धर्म में प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व है, और ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है, तो और भी खास मानी जाती है। इस वर्ष, 23 मई 2025 को पड़ने वाली अपरा एकादशी एक अद्भुत खगोलीय संयोग लेकर आ रही है। शुक्रवार के दिन पड़ने वाली इस एकादशी पर ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा दुर्लभ मिलन हो रहा है, जिसमें पूजा-अर्चना करने से भक्तों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होने की संभावना है। शास्त्रों में वर्णित है कि अपरा एकादशी का व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मनुष्य मृत्यु के पश्चात विष्णु लोक को जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की विशेष पूजा का विधान है, जिन्हें त्रिविक्रम के नाम से भी जाना जाता है।

अपरा एकादशी का व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से बड़े से बड़े पाप भी नष्ट हो जाते हैं और प्रेत योनि तथा ब्रह्म हत्या जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है। लेकिन इस वर्ष की अपरा एकादशी इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस दिन एक नहीं, बल्कि चार अत्यंत शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं।

दुर्लभ संयोगों का अद्भुत संगम:

इस साल 23 मई को पड़ने वाली अपरा एकादशी पर आयुष्मान योग, प्रीति योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का त्रिवेणी संगम होगा। इतना ही नहीं, इस दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन योगों और नक्षत्रों को अत्यंत फलदायी माना गया है। आयुष्मान योग लंबी आयु और स्वास्थ्य प्रदान करता है, प्रीति योग प्रेम और सौहार्द बढ़ाता है, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र को स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे दुर्लभ संयोग में भगवान विष्णु की आराधना करना अत्यंत शुभ फलदायी होगा।

अपरा एकादशी व्रत का पारण 24 मई, शनिवार को सूर्योदय के बाद किया जा सकता है।

अपरा एकादशी 2025: शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 मई, सुबह 01:12 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 23 मई, रात 10:29 बजे
  • सूर्य उदय: 23 मई, सुबह 05:26 बजे (वाराणसी के अनुसार)
  • प्रीति योग: सुबह से लेकर शाम 06:37 बजे तक
  • आयुष्मान योग: शाम 06:37 बजे से प्रारंभ
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 23 मई, सुबह 04:02 बजे से 24 मई, सुबह 05:26 बजे तक
  • उत्तर भाद्रपद नक्षत्र: 23 मई, सुबह 04:02 बजे तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:04 बजे से 04:45 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक
  • लाभ-उत्तान मुहूर्त: सुबह 07:09 बजे से 08:52 बजे तक
  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 08:52 बजे से 10:35 बजे तक

बुध का राशि परिवर्तन और अग्नि पंचक:

इस वर्ष की अपरा एकादशी एक और कारण से भी खास है। 23 मई को दोपहर 01 बजकर 05 मिनट पर बुध देव अपनी राशि बदल रहे हैं। बुध मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर करेंगे, जिसका सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा और कुछ राशियों के लिए यह एकादशी विशेष रूप से फलदायी साबित हो सकती है।

हालांकि, इस दिन अग्नि पंचक भी रहेगा, जो मंगलवार से शुरू हो चुका है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अग्नि पंचक में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है, लेकिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

निष्कर्ष:

अपरा एकादशी 2025 एक अत्यंत शुभ और दुर्लभ संयोग लेकर आ रही है। आयुष्मान योग, प्रीति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के एक साथ होने से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान वामन की पूजा करें और व्रत का पालन करें, जिससे आपको अक्षय पुण्य और मनोवांछित फल प्राप्त हो सकें।

**(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करें।) **