पहलगाम आतंकी हमला: 100 ठिकानों पर रेड, 3000 से ज्यादा से पूछताछ – जल्द आएगी NIA की रिपोर्ट
एनआईए पहलगाम आतंकी हमले की जांच में जुटी है। 100 से ज्यादा जगह छापेमारी और 3000 संदिग्धों से पूछताछ के बाद रिपोर्ट जल्द गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। इस हमले में 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले की जांच शुरू की है और अब तक 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। वहीं करीब 3000 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है।
एनआईए DG की ग्राउंड विज़िट
एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते खुद श्रीनगर पहुंचकर पूरे मामले की समीक्षा कर चुके हैं। उन्होंने बाइसारन घाटी का दौरा किया, जहां यह हमला हुआ था, और जांच की प्रगति का मूल्यांकन किया। उनके आज दिल्ली लौटने की संभावना है, जहां वे गृह मंत्रालय को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप सकते हैं।
पीड़ित परिवारों के बयान भी हुए दर्ज
जांच के तहत NIA ने हमले में मारे गए और घायल पर्यटकों के परिजनों से भी संपर्क किया। उनके बयान दर्ज किए गए ताकि यह समझा जा सके कि हमला किन परिस्थितियों में हुआ और हमला करने वालों की रणनीति क्या थी।
100 जगहों पर छापेमारी, OGWs का नेटवर्क निशाने पर
जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर NIA ने लगभग 100 ठिकानों पर छापेमारी की है। इन रेड्स का केंद्र ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) का नेटवर्क रहा है, जो आतंकियों को स्थानीय स्तर पर सहायता प्रदान करते हैं।
इनमें अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लत्रम के घर की भी तलाशी ली गई। मुश्ताक वही आतंकवादी है जिसे 1999 में IC-814 विमान अपहरण के बाद रिहा किया गया था। यह तलाशी उसकी संदिग्ध भूमिका या संपर्कों की जांच के तहत की गई है।
3000 से अधिक लोगों से पूछताछ, 90 OGWs पर UAPA के तहत केस
जांच एजेंसियों ने अब तक करीब 3000 संदिग्धों से पूछताछ की है। इसके अलावा 90 ओजीडब्ल्यू (OGWs) के खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह दिखाता है कि जांच कितनी गहराई तक की जा रही है।
हमले के पीछे की गहरी साजिश
एनआईए का मानना है कि इस हमले के पीछे लंबे समय से रची गई एक गहरी साजिश है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि हमलावर अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे और उन्हें इलाके की पूरी जानकारी थी। हमले का तरीका भी यह दर्शाता है कि यह एक सोची-समझी योजना के तहत अंजाम दिया गया था।
गृह मंत्रालय को सौंपेगी रिपोर्ट
एनआईए प्रमुख के दिल्ली लौटते ही यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय इस रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई और भविष्य की रणनीति तय करेगा। इसमें सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने, खुफिया तंत्र को तेज़ करने और OGW नेटवर्क को खत्म करने पर फोकस होगा।
हमले का उद्देश्य: कश्मीर में लौटती शांति को बिगाड़ना
विशेषज्ञों का मानना है कि जब कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी, स्थानीय कारोबार को रफ्तार मिल रही थी, तब इस तरह का हमला क्षेत्र की छवि को नुकसान पहुंचाने और अशांति फैलाने की कोशिश है। आतंकियों ने पर्यटकों को चुनकर निशाना बनाया, जिससे यह बात और स्पष्ट होती है कि हमले का मकसद कश्मीर में शांति और विकास को रोकना था।
राजनीतिक और वैश्विक प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी और भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई जारी रखेगा। वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ खड़ा होने की बात दोहराई।
निष्कर्ष
पहलगाम हमला केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, शांति और लोकतंत्र पर हमला था। जांच एजेंसियों की तेजी से की जा रही कार्रवाई यह संकेत देती है कि भारत अब किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधि को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में एनआईए की रिपोर्ट के आधार पर और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।