राज ठाकरे का बड़ा बयान: ठाकरे-पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश, लेकिन...
ठाकरे-पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश, लेकिन… MNS प्रमुख राज ठाकरे का बड़ा बयान।

पुणे: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति से ठाकरे और पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश की गई, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद इन ब्रांडों को मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही शीर्ष नेतृत्व बदल जाए, लेकिन ये ब्रांड बने रहेंगे।
पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र और देश की राजनीति में पवार और ठाकरे उपनामों की प्रासंगिकता पर बात की। उन्होंने कहा, "ठाकरे-पवार ब्रांड को खत्म करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन यह खत्म नहीं होगा।" उन्होंने ठाकरे परिवार के योगदान को गिनाते हुए कहा, "जहां तक ठाकरे 'ब्रांड' का सवाल है, तो मेरे दादा प्रभोदनकर ठाकरे ने महाराष्ट्र पर पहला बड़ा प्रभाव डाला। उनके बाद बालासाहेब ठाकरे और फिर मेरे पिता संगीतकार श्रीकांत ठाकरे ने अपनी छाप छोड़ी। उसके बाद उद्धव और मैंने भी अपना प्रभाव साबित किया।"
राज ठाकरे ने स्पष्ट रूप से कहा कि इन ब्रांडों को खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन इन्हें आसानी से मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, "भले ही शीर्ष नेतृत्व बदल जाए, लेकिन ये ब्रांड बने रहेंगे। इन्हें कोई ताकत खत्म नहीं कर सकती।" राज ठाकरे का यह इशारा स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर था।
राज ठाकरे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उनके चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ उनकी सुलह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछले काफी समय से यह चर्चा है कि दोनों भाई एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दोनों नेताओं ने इस बारे में सकारात्मक बयान भी दिए हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे और पवार परिवार दो शक्तिशाली राजनीतिक घराने हैं। हालांकि, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण दोनों परिवारों में दरार पड़ गई। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से अपनी पार्टी बनाई, जबकि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर कब्जा कर लिया। इसके बाद शरद पवार को NCP-SP नाम से एक नई पार्टी बनानी पड़ी। हालांकि, इस बीच कई बार यह खबरें आई हैं कि राज और उद्धव साथ आ सकते हैं, और अजित भी अपने चाचा के साथ हाथ मिला सकते हैं।
राज ठाकरे के इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की संभावनाओं को जन्म दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इन राजनीतिक घरानों की दिशा क्या होगी।