UP Weather: वाराणसी में प्री-मानसून की मेहरबानी, सामान्य से 14 फीसदी ज्यादा बारिश
वाराणसी और पूर्वांचल में इस बार प्री-मानसून की अच्छी बारिश हुई है। वाराणसी में सामान्य से 14 फीसदी और पूरे पूर्वांचल में औसतन 17 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जबकि कुछ जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है।

Varanasi Weather Today : जहां एक तरफ वाराणसी में गर्मी और नौतपा का प्रकोप जारी है, वहीं इस बार प्री-मानसून की बारिश पूर्वांचल पर मेहरबान रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च से 29 मई तक पूर्वांचल में औसत से 17 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि में 32.1 मिलीमीटर की सामान्य औसत वर्षा के मुकाबले 37.4 मिलीमीटर बारिश हुई है।
हालांकि, इस अवधि में वाराणसी के आसपास के जिलों में बारिश का वितरण असमान रहा। मऊ, बलिया, गाजीपुर और सोनभद्र में सामान्य से अधिक वर्षा हुई, जबकि चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही में औसत से भी आधी बारिश दर्ज की गई। इन 10 जिलों में से गाजीपुर और बलिया को 'बहुत ज्यादा बारिश' (लार्ज एक्सेस) वाले जिले घोषित किया गया है, जबकि चंदौली में 'बहुत कम बारिश' (लार्ज डेफिसिट) दर्ज की गई है।
वाराणसी जिले की बात करें तो, प्री-मानसून के 90 दिनों में सामान्य से 14 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। 1 मार्च से 30 मई तक यहां 23.1 मिलीमीटर की सामान्य वर्षा के मुकाबले 26.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस दौरान 20 से ज्यादा दिन ऐसे रहे जब बारिश हुई या बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी हुई। अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में कई दिनों तक बादल छाए रहने और बूंदाबांदी होने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। वाराणसी में प्री-मानसून के दौरान सबसे ज्यादा बारिश 2007 में 95 मिलीमीटर से ज्यादा हुई थी। पिछले साल मानसून के सीजन में वाराणसी में औसत से 5 फीसदी कम 769.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि सामान्य आंकड़ा 812 मिलीमीटर है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मऊ में 29 फीसदी, बलिया में 85 फीसदी, गाजीपुर में 83 फीसदी और सोनभद्र में 13 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वहीं, चंदौली में 73 फीसदी, भदोही में 51 फीसदी, मिर्जापुर में 42 फीसदी, जौनपुर में 43 फीसदी और आजमगढ़ में 44 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
प्रोफेसर श्रीवास्तव ने प्री-मानसून के दौरान 200 किलोमीटर के दायरे में बारिश के आंकड़ों में इस बड़े उतार-चढ़ाव के लिए अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे वनीकरण और जंगलों की कटाई को प्रमुख कारण बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में ऐसी स्थिति देखने को मिली है।
वर्तमान में, मानसून वाराणसी से लगभग 700 किलोमीटर दूर है, लेकिन शहर में गर्मी का प्रकोप जारी है। शनिवार सुबह 11 बजे तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया और अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 3-4 दिनों तक बारिश की उम्मीद कम है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सतही स्तर पर चल रही नम पुरवा हवा पछुआ हवा से टकराकर प्रतिक्रिया कर रही है, जिसके चलते आंधी जैसी हवा बह रही है।