झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश: NIA ने 2 और माओवादियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने के मामले में दो और प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में अब तक कुल 25 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।

रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में अपनी कार्रवाई तेज करते हुए दो और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) द्वारा आतंकी साजिश के तहत हथियार और गोला-बारूद जब्त करने से संबंधित है। NIA द्वारा दाखिल की गई इस ताजा चार्जशीट के साथ ही, इस मामले में अब तक चार्जशीट किए गए कुल आरोपियों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
NIA ने जिन दो नए आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, उनकी पहचान झारखंड के रहने वाले रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के रूप में हुई है। इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता (IPC), शस्त्र अधिनियम (Arms Act), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (Explosive Substance Act) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह कार्रवाई NIA द्वारा दर्ज किए गए आरसी-02/2022/एनआईए/आरएनसी मामले के तहत की गई है। इससे पहले, अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच NIA ने इस मामले में 23 अन्य लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोप पत्र दाखिल किए थे। इनमें झारखंड पुलिस द्वारा पहले से आरोपित किए गए 9 आरोपी भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ NIA ने नई धाराओं के तहत आरोप जोड़े हैं।
यह मामला फरवरी 2022 का है, जब एक गुप्त सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कर्मियों ने झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान, यह जानकारी मिली थी कि सीपीआई (माओवादी) के कार्यकर्ता अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बॉक्साइट खदान क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर बड़े हमले की योजना बनाने के लिए एकत्र हुए थे। इस बैठक का नेतृत्व आतंकी संगठन के क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू कर रहा था, जिसमें सक्रिय कैडर बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य कैडर भी शामिल थे। बहाबर जंगल के रास्ते में, हरकट्टा टोली और बांग्ला पाट में सीपीआई (माओवादी) के कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप मुठभेड़ हुई। इसके बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके की व्यापक तलाशी ली और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। इस मामले में शुरुआत में झारखंड पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
NIA की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इस पूरी साजिश का मुख्य उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालना था। माओवादी सरकार को अस्थिर करने के इरादे से आतंकवादी और हिंसक कृत्यों के साथ-साथ सशस्त्र विद्रोह को अंजाम देना चाहते थे। NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों, जिनमें जोनल कमांडर, सब-जोनल कमांडर, एरिया कमांडर और सशस्त्र कैडर शामिल हैं, के खिलाफ एकत्र किए गए विश्वसनीय सबूतों ने अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों और जमीनी स्तर पर उनके समर्थकों की मिलीभगत का भी पर्दाफाश किया है। देश में सीपीआई (माओवादी) के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के अपने प्रयासों के तहत, NIA अभी भी इस साजिश में शामिल अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की तलाश में जुटी हुई है।