Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर में आतंक पर प्रहार, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट; डोडा और श्रीनगर में बड़ी कार्रवाई
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। डोडा और श्रीनगर में 76 ठिकानों पर छापेमारी, हथियार और डिजिटल सबूत की तलाश। पर्यटन और अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा असर। पूरी जानकारी पढ़ें 'संपन्न भारत न्यूज़' पर।

संपन्न भारत न्यूज़ | नई दिल्ली/जम्मू-कश्मीर।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद राज्य भर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। सोमवार को डोडा जिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विभिन्न इलाकों में 13 स्थानों पर छापेमारी कर आतंकियों और उनके सहयोगियों की धरपकड़ तेज कर दी है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को बायसरन, पहलगाम में हुए भीषण हमले के बाद की गई है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। हमले में कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।
डोडा और श्रीनगर में चला तलाशी अभियान
डोडा जिले के अलावा श्रीनगर शहर में भी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में कुल 63 स्थानों पर गवाहों और कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान हथियारों, संदिग्ध दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और अन्य आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी के प्रयास किए गए।
पुलिस का कहना है कि इस व्यापक ऑपरेशन का मकसद आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करना और भविष्य में संभावित हमलों को रोकना है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंक और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी।
पर्यटन उद्योग पर भी दिखा असर
पहलगाम हमले का असर राज्य के पर्यटन क्षेत्र पर भी गहरा पड़ा है। कटड़ा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने बताया कि घटना के बाद से पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा है। उनके अनुसार, अब तक लगभग 35 से 37% होटल बुकिंग रद्द हो चुकी हैं।
इसी तरह, विश्वप्रसिद्ध अमरनाथ यात्रा पर भी इसका प्रभाव पड़ा है — जहां पहले यात्रियों की संख्या 45,000 तक पहुंचती थी, अब वह घटकर लगभग 20,000 से 22,000 रह गई है। स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन कारोबारियों ने सरकार से सुरक्षा प्रबंधों को और सुदृढ़ करने की मांग की है ताकि पर्यटकों का भरोसा दोबारा बहाल किया जा सके।
सरकार और सुरक्षा बलों का कड़ा रुख
राज्य और केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रणनीति तैयार की है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहते हुए हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के नेतृत्व में सुरक्षा तैयारियों की लगातार समीक्षा की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता को बाधित करने वाले किसी भी तत्व के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।